Delhi High Court : सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को पद से हटाए जाने की मांग करने वाली याचिका पर पर कड़ी कारवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पब्लिसिटी के लिए ये सब कर रहा है। हम याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना लगाएंगे। आप के ही पूर्व विधायक संदीप कुमार ने आबकारी नीति के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी और जेल जाने के बाद उन्हें पद से हटाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर किया था।
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने पूर्व विधायक संदीप कुमार की इस याचिका का जमकर आलोचना किया। फ़िलहाल हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज नहीं किया। कोर्ट का कहना हैं कि जिस बेंच ने पहले भी इस तरह की याचिका पर सुनवाई की थी। इस याचिका को भी उसी बेंच के सामने पेश किया जाना चाहिए। इस याचिका पर अगली सुनवाई बुधवार को हो सकती है।हाई कोर्ट ने इससे पहले कुछ और लोगों की ओर से दायर इसी तरह की दो याचिकाएं पहले ही खारिज कर दी गई थीं। एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने 4 अप्रैल को इस मुद्दे पर विचार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री बने रहना केजरीवाल की व्यक्तिगत इच्छा है।
आगे उन्होंने कहा था की केजरीवाल को दिल्ली का CM बने रहना इसका फैसला उनकी पार्टी करेगी या दिल्ली के जनता करेगी ,किसी के याचिका पर किसी को मुख्यमंत्री के पद से नहीं हटा सकते है, ये भारत के सविधान में कही कोई प्रवधान नहीं है। इससे पहले, पीठ ने इसी तरह की एक और जनहित याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता ऐसी कोई कानूनी बंदिश साबित करने विफल रहा है जो गिरफ्तार मुख्यमंत्री को पद संभालने से रोकती हैं।
ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया था. इसके बाद रेवेन्यू कोर्ट ने एक अप्रैल तक ईडी रिमांड में रहने की अनुमति दिया था। रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इस समय केजरीवाल तिहाड़ जेल में हैं। केजरीवाल के गिरफ्तारी के बाद से ही विपक्षी पार्टियां सीएम पद से इस्तीफे की मांग कर रही है। वहीं आम आदमी पार्टी साफ शब्दो में बता चुकी है कि केजरीवाल ही सीएम पद पर बने रहेंगे और जेल से ही दिल्ली का संचालन करेंगे।