Delhi assembly elections: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके गठबंधन सहयोगी एनडीए ने चुनावी मैदान में उतरने की रणनीति तेज कर दी है। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां अभी भी अलग-अलग चुनाव लड़ने की दिशा में सक्रिय हैं। इस बार बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को भी चुनावी समीकरण में शामिल करते हुए सीटों का बंटवारा करने की योजना बनाई है।
सहयोगी दलों के साथ चुनावी गठजोड़
सूत्रों के अनुसार, एनडीए गठबंधन के तहत जेडीयू, लोजपा (रामविलास), और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने सीटों पर दावेदारी पेश की है। राजधानी की 70 विधानसभा सीटों में से करीब 20 सीटों पर एनडीए घटक दलों का प्रभाव माना जा रहा है। इनमें गोकलपुर, मटियाला, द्वारका, नांगलोई, करावल नगर, जनकपुरी, त्रिलोकपुरी, बुराड़ी, उत्तम नगर, संगम विहार, और समयपुर बादली जैसी सीटें शामिल हैं।
बीजेपी की विशेष रणनीति
बीजेपी ने इन सीटों को साधने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है। पार्टी के बड़े नेता और सहयोगी दलों के प्रमुख इन सीटों पर प्रचार अभियान चलाएंगे। पूर्वांचल, मराठी, और दक्षिण भारतीय मतदाताओं पर विशेष ध्यान देते हुए प्रभावशाली चेहरों को प्रचार में उतारा जाएगा।
पूर्वांचली मतदाताओं पर विशेष फोकस
दिल्ली में पूर्वांचली मतदाता 20 प्रतिशत से अधिक हैं। इन मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा (रामविलास) के नेता चिराग पासवान, और जीतन राम मांझी मैदान में उतरेंगे। 2020 के विधानसभा चुनावों में भी जेडीयू और लोजपा को सीटें दी गई थीं। हालांकि, उस समय दोनों दल जीत दर्ज करने में असफल रहे थे, लेकिन उन्होंने कुल मिलाकर लाखों वोट प्राप्त किए थे।
मराठी और दक्षिण भारतीय मतदाता
मराठी समुदाय के मतदाताओं को रिझाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चुनाव प्रचार करेंगे। दिल्ली में दक्षिण भारतीय समुदाय के लगभग 30 लाख मतदाता हैं, जिनमें तेलुगु भाषी मतदाता 8-9 लाख के करीब हैं। इन मतदाताओं को साधने के लिए तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडु को चुनाव प्रचार में शामिल किया जा सकता है।
दक्षिण भारतीय समुदाय के लोग दिल्ली के पटपड़गंज, दिलशाद गार्डन, मयूर विहार, आर.के. पुरम, महरौली, रोहिणी, कालकाजी, और द्वारका जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में रहते हैं।
सीटों का गणित और सहयोगी दलों की भूमिका
बीजेपी इन 20 सीटों पर अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर मजबूत उपस्थिति दर्ज करने की योजना बना रही है। गठबंधन के प्रमुख नेताओं की उपस्थिति से इन क्षेत्रों में मतदाताओं के साथ गहराई से जुड़ने की कोशिश होगी।
बीजेपी का लक्ष्य
बीजेपी की योजना इन विधानसभा सीटों पर न केवल अपनी पकड़ मजबूत करना है, बल्कि सहयोगी दलों को भी संतुष्ट रखना है। पार्टी का उद्देश्य दिल्ली में एनडीए गठबंधन के तहत मजबूत प्रदर्शन करना और सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को कड़ी चुनौती देना है।
इस रणनीति के तहत गठबंधन के नेताओं के साथ दिल्ली के विविध मतदाता समूहों को साधने की कोशिश की जाएगी, जिससे एनडीए की चुनावी संभावनाओं को बढ़ावा मिल सके।