शंघाई सहयोग संगठन यानी SCO की अध्यक्षता इस बार भारत के हाथों में हैं। 28 मई को SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक होने जा रही है। इसके लिए SCO देशों के रक्षा मंत्रियों का जमावड़ा नई दिल्ली में लगना शुरू हो चुका है। चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू SCO बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि इस बैठक से पहले गुरुवार को जनरल ली शांगफू और भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे।
गलवान के बाद पहली दौरा
गौरतलब है कि भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच ये बैठक ऐसे समय में होगी, जब दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। भारत-चीन सीमा पर लगातार तनातनी जारी है। ध्यान देने योग्य है कि साल 2020 में भारत-चीन के बीच हुई गलवान झड़प के बाद ये किसी चीनी मंत्री की पहली भारत यात्रा है। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में भारत और चीनी सेना के बीच हिसंक झड़प हुई थी। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गए थे, लेकिन चीन इन आंकड़ों को आज तक छुपाता आया है।
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SCO बैठक के लिए चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री भाग लेने पहुंच रहे हैं। इसके अलावा भारत ने बेलारूस, ईरान समेत SCO पर्यवेक्षक देशों के रक्षा मंत्रियों को भी आमंत्रित किया है। साथ ही बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री इस बैठक में वर्चुअली हिस्सा लेने वाले हैं।
विदेश मंत्रियों की भी होगी बैठक
रक्षा मंत्रियों के अलावा SCO संगठन का जो देश हिस्सा हैं, उनके विदेश मंत्रियों की बैठक मई की शुरुआत में आयोजित होने जा रही है। 4 मई को होने वाली SCO के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आएंगे। 2011 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब पाकिस्तानी का कोई विदेश मंत्री भारत आएगा।
SCO की बात करें तो इसका गठन साल 2001 में हुआ था। SCO एक पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है। भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत इसके कुल 8 स्थाई सदस्य हैं।
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