कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। लंदन में राहुल के दिए बयानों को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच बीते दिन दिल्ली पुलिस राहुल गांधी के घर भी पहुंची थी। मामला श्रीनगर में राहुल गांधी के रेप पीड़ितों को लेकर दिए गए बयान से जुड़ा था। इन सब मामलों को लेकर बवाल थमने और राहुल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही।
लोकसभा चुनाव के दौरान दिया था बयान
इस बीच अब एक और मामले को लेकर राहुल गांधी की समस्याएं बढ़ती दिखने लगी है। दरअसल, ”मोदी सरनेम” वाली राहुल की टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में 23 मार्च को फैसला आ सकता है। बात 2019 लोकसभा चुनाव की है, जब राहुल गांधी ताबड़तोड़ रैली करते हुए पीएम मोदी पर निशाना साध रहे थे। इसी दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था कि “कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?”
राहुल के इसी बयान को लेकर बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। पूर्णेश ने कहा था कि राहुल ने अपने बयान के जरिए पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया है।
23 मार्च को आएगा फैसला
अब खबर ये है कि गुजरात के सूरत शहर की एक अदालत कांग्रेस सांसद के इस बयान को लेकर आदेश पारित कर सकती है। उनके वकील किरीट पानवाला ने बताया कि जब आदेश पारित होगा, तब कांग्रेस नेता खुद अदालत में मौजूद रहेंगे। राहुल गांधी के वकील के अनुसार पिछले शुक्रवार को इस मामले में दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनी गई हैं। फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय हुई है।
आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हो चुके हैं। आखिरी बार वो अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर 2021 में कोर्ट आए थे और इस दौरान राहुल ने खुद को निर्दोष बताया था।
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस लेकर आई विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, राहुल-सोनिया पर दिए गए इस बयान से जुड़ा है मामला