गुजरात के 2002 दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जामिया, जेएनयू के बाद ये विवाद दिल्ली विश्वविद्यालय के दरवाजे जा पहुंची है। दरअसल, एनएसयूआई केरला द्वारा आर्ट फैकल्टी में आज डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शाम 4:00 बजे किया जाना था जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया। इसको रोकने के लिए छात्रों ने गेट के बाहर जमकर हंगामा किया जिसको लेकर पुलिस अलर्ट हो गई। प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया है तथा उस इलाके में धारा 144 लगा दी है। हालांकि इस मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर रजनी अब्बी ने पहले ही दिल्ली पुलिस को खत लिखकर उचित कार्रवाई की बात कही है।
#WATCH | Students & members of NSUI protesting outside the Faculty of Arts at the University of Delhi, being detained by the Police
Provisions u/s 144 CrPC are imposed outside the Faculty,in wake of a call by NSUI-KSU for screening of a BBC documentary on PM Modi, at the Faculty pic.twitter.com/EYWjubCSfy
— ANI (@ANI) January 27, 2023
सरकार पहले ही जाहिर कर चुकी है अपनी मंशा
बीबीसी की इस विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर सरकार अपना रुख पहले ही पेश कर चुकी है। केंद्र सरकार ने एमरजेंसी पॉवर का इस्तेमाल करते हुए देश के अंदर इसको बैन कर दिया। साथ ही विदेश मंत्रालय ने BBC डॉक्यूमेंट्री को लेकर कहा कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है और ये एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। हालांकि विपक्ष ने डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के सरकार के कदम की आलोचना की।
जामिया, जेएनयू के रास्ते विवाद पहुंचा डीयू के दरवाजे
बैन होने के बाद कई संगठनों ने इसकी स्क्रीनिंग करनी शुरू कर दी। इसी सिलसिले में पहले जेएनयू में ये कदम देखने को मिला। जब छात्र संघ स्क्रीनिंग करने जा रहे थे तब प्रशासन ने बिजली और इंटरनेट ही काट दिया। इसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसी तरह का घटना जामिया में भी देखने को मिला। दरअसल, SFI ने जामिया में भी स्क्रीनिंग का एलान किया। जिसके बाद उनके चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। उसके बाद छात्र संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से आधिकारिक बयान
दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन के आधिकारिक बयान के मुताबिक, डॉक्यूमेंट्री को केंद्र सरकार की तरफ से बैन किया गया है। प्रशासन ने कहा, “डॉक्यूमेंट्री के लिए इजाजत नहीं ली गई है। कैंपस में इसकी इजाजत नहीं होगी। प्रशासन की तरफ से सारी तैयारियां कर ली गई हैं, ताकि उपद्रव ना हो। बाकी कैंपस के बाहर अगर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होती है तो वो पुलिस की जिम्मेदारी है।”