Friday, November 22, 2024
MGU Meghalaya
Homeटेक्नोलॉजीCognizant vs Infosys : कॉग्निजेंट ने इन्फोसिस पर लगाया उसके सॉफ्टवेयर के...

Cognizant vs Infosys : कॉग्निजेंट ने इन्फोसिस पर लगाया उसके सॉफ्टवेयर के सीक्रेट्स चुराने का आरोप, मुकदमा दर्ज

Cognizant vs Infosys : हाल ही में, अमेरिका की प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी कॉग्निजेंट (Cognizant) ने भारत की प्रतिष्ठित आईटी कंपनी इन्फोसिस (Infosys) के खिलाफ एक गंभीर मुकदमा दायर किया है। यह मुकदमा टेक्सास की संघीय अदालत में दर्ज किया गया है, जिसमें कॉग्निजेंट ने इन्फोसिस पर उसके हेल्थकेयर इंश्योरेंस सॉफ्टवेयर (Health Insurance Software) के सीक्रेट्स चुराने का आरोप लगाया है। यह मामला तकनीकी जगत में एक बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है, क्योंकि दोनों कंपनियां आईटी क्षेत्र में अग्रणी मानी जाती हैं और इनके बीच ऐसा विवाद पहले कभी देखने को नहीं मिला है।

कॉग्निजेंट के आरोप 

कॉग्निजेंट का मुख्य आरोप है कि इन्फोसिस ने अवैध तरीके से उसके हेल्थकेयर इंश्योरेंस सॉफ्टवेयर के डेटाबेस को निकाला और इसका इस्तेमाल अपने नए सॉफ्टवेयर के विकास के लिए किया। कॉग्निजेंट के अनुसार, इन्फोसिस ने “टेस्ट केस फॉर फेसेट्स” नामक एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जिसमें ट्राइजेटो (TriZetto) के सॉफ्टवेयर का अनुचित तरीके से उपयोग किया गया है। ट्राइजेटो, कॉग्निजेंट की एक सब्सिडियरी है और उसका सॉफ्टवेयर फेसेट्स (Facets) और QNXT, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा प्रशासनिक कार्यों के संचालन के लिए उपयोग किया जाता है।

कॉग्निजेंट का दावा है कि इन्फोसिस ने ट्राइजेटो के डेटा का इस्तेमाल करके अपने प्रोडक्ट्स को विकसित किया, जो कि कानून का उल्लंघन है। इसके अलावा, कॉग्निजेंट ने यह भी आरोप लगाया है कि इन्फोसिस ने QNXT से डेटा निकालने के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाकर कानून तोड़ा है। कॉग्निजेंट का यह भी कहना है कि इन्फोसिस ने गोपनीय जानकारी और ट्रेड सीक्रेट्स को चुराया है, जो कि कॉग्निजेंट के व्यापारिक हितों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

इन्फोसिस का पक्ष Cognizant vs Infosys 

इस मामले में इन्फोसिस ने कॉग्निजेंट के आरोपों का खंडन किया है। इन्फोसिस के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि कंपनी को इस मुकदमे की जानकारी है और वह अदालत में अपनी रक्षा करेगी। प्रवक्ता ने कहा, “हम इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं और अदालत में अपनी बात को मजबूती से रखेंगे।” इन्फोसिस का कहना है कि वह हमेशा से व्यापारिक नैतिकता और कानूनी प्रावधानों का पालन करती रही है, और इस मामले में भी वह अपने आप को निर्दोष साबित करेगी।

यह मामला सिर्फ दो कंपनियों के बीच का विवाद नहीं है, बल्कि यह उस वैश्विक व्यापारिक माहौल का प्रतिबिंब है, जहां सॉफ्टवेयर और डेटा के चोरी होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अमेरिका के टेक्सास की संघीय अदालत में यह मामला दर्ज होने से यह विवाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया है। यह देखा जाना बाकी है कि अदालत किस दिशा में निर्णय लेती है, लेकिन यह निश्चित है कि इस मुकदमे का प्रभाव दोनों कंपनियों की साख पर पड़ेगा।

तकनीकी मुद्दे और उद्योग पर प्रभाव

कॉग्निजेंट और इन्फोसिस दोनों ही वैश्विक आईटी उद्योग के प्रमुख खिलाड़ी हैं, और इस मुकदमे का असर पूरे आईटी क्षेत्र पर पड़ सकता है। अगर कॉग्निजेंट अपने आरोपों में सफल होती है, तो इन्फोसिस को न केवल कानूनी हर्जाना भरना पड़ सकता है, बल्कि उसकी साख पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो सकता है। दूसरी ओर, अगर इन्फोसिस अपने पक्ष को साबित करने में कामयाब होती है, तो यह उसके लिए एक बड़ी जीत होगी और कॉग्निजेंट को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

डेटा सुरक्षा और कॉरपोरेट मुकाबला 

यह मामला यह भी उजागर करता है कि कैसे बड़े कॉर्पोरेट्स डेटा सुरक्षा के मामले में एक-दूसरे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाते। वर्तमान समय में डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता व्यापारिक सफलता के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यदि किसी कंपनी का डेटा चोरी हो जाता है, तो उसका प्रभाव न केवल उसके व्यापार पर पड़ता है, बल्कि उसके ग्राहकों और साझेदारों पर भी होता है।

- Advertisment -
Most Popular