राजस्थान में ये चुनावी साल है। 2023 में ही राजस्थान में विधानसभा चुनाव होंगे, जिसको लेकर सियासी पारा पहले से ही चढ़ा हुआ है। वहीं इस बीच सीएम अशोक गहलोत ने ऐसा निर्णय ले लिया, जिसके बाद राजस्थान की राजनीति और ज्यादा तेज हो गई। दरअसल, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीएम अशोक गहलोत ने राजस्थान का अंदरुनी नक्शा बदलकर रख दिया है। उन्होंने राज्य में 19 नए जिले (19 Districts in Rajasthan) और तीन संभाग मुख्यालय के गठन का ऐलान किया है।
ये नए जिले बनाए गए
सीएम अशोक गहलोत ने जिन 19 नए जिलों (19 Districts in Rajasthan) को बनाने का ऐलान किया, उनमें अनपूगढ़, डीग, दूदू, बालोतरा, ब्यावर, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी, गंगापुर, कोटपुलती, नीमकाथाना, खैरतल, बहरोड़, फलोदी, शाहपुरा, सांचोर और शाहपुरा शामिल हैं। इसके साथ ही तीन नए संभाग मुख्यालय बनाए गए हैं, जिसमें सीकर, पाली और बांसवाड़ा शामिल हैं। इसके साथ ही राजस्थान में जिलों की संख्या बढ़कर 50 हो गई, तो वहीं अब राज्यों में संभागों का आंकड़ा 10 पहुंच गया। इन नए जिलों और जरूरतों की अपूर्ति के लिए 2 हजार करोड़ के बजट का भी प्रावधान भी घोषित किया गया है।
क्यों लिया गया ये फैसला?
अब सबसे बड़ा सवाल ये किया गया है कि आखिर इन नए जिलों की घोषणा क्यों की गई? इस पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य होने की वजह से राजस्थान में ऐसे कई जिले हैं, जहां जिला मुख्यालय से कई इलाकों की दूरी 100 किलोमीटर से भी अधिक है। जिसकी वजह से आम जनता को समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। इसके अलावा कई जिलों की जनसंख्या ज्यादा होने की वजह से प्रशासन को मुश्किलें होती हैं और वो हर परिवार तक अपनी पहुंच नहीं बना पाते।
मुख्यमंत्री गहलोत आगे कहते हैं कि जिला अपेक्षाकृत छोटा होने से प्रशासन प्रबंधन के साथ ही कानून व्यवस्था पर निगरानी और नियंत्रण करना सहज और सुगम हो जाता है। कई राज्य नए जिले में बनाने में हमसे आगे रहे हैं। वहां पर जिलों की संख्या दोगुनी से तीन गुनी तक हो गई है।
वहीं इसको लेकर राजनीति भी गर्मा गई हैं। एक ओर इसको लेकर कांग्रेस के खेमे में खुशी का माहौल है। तो माना ये भी जा रहा है कि सीएम गहलोत का ये बयान बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। BJP के द्वारा इसे चुनावी फायदे के लिए की गई घोषणा बताया जा रहा है।
BJP ने साधा निशाना
राजस्थान की पूर्व सीएम और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा- “कांग्रेस सरकार की नई घोषणाएं अपने व्यक्तिगत राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति करने का प्रयास भर है। इस कोशिश में उन्होंने राजस्थान के पूरे आर्थिक तंत्र को दांव पर लगा दिया है। जिसका खामियाजा आने वाले वर्षों में प्रदेश और प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा।”
कांग्रेस सरकार की नई घोषणाएं अपने व्यक्तिगत राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति करने का प्रयास भर है।
इस कोशिश में उन्होंने राजस्थान के पूरे आर्थिक तंत्र को दांव पर लगा दिया है। जिसका खामियाजा आने वाले वर्षों में प्रदेश और प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा।#Rajasthan
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 17, 2023
वह आगे ये भी कहती हैं- “नये ज़िले बनाए जाने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। जिस कारण नये ज़िले बनने से होने वाली सुगमता के बजाये जनता को प्रशासनिक जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा। प्रदेश के चिंताजनक राजकोषीय संकेतकों को मुख्यमंत्री जी ने ताक पर रखकर बजट का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।”