Recently updated on September 17th, 2024 at 06:48 pm
CAA : 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2024 की अधिसूचना जारी कर दी है. पूरे देश में अब सीएए (CAA) लागू हो गया है। इस कानून के लागू होने के बाद 31 दिसंबर 2014 से पहले तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थी (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) अब भारतीय नागरिक बन सकेंगे.
इसके लिए इन लोगों को सरकारी गाइडलाइन का पालन करना होगा और ऑनलाइन आवेदन के बाद नागरिकता प्राप्त कर पाएंगे। सीएए नियमों के तहत आवेदन करने से पहले भारत में एक साल तक लगातार रहना अनिवार्य है। सीएए लागू होने के बाद पश्चिम बंगाल, केरल, मेघालय त्रिपुरा और असम में इस कानून को लेकर विरोध शुरू हो गया है
किन किन लोगों को मिलेगी नागरिकता ?
ऐसे शरणार्थियों जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर बस गए हैं. आवेदकों को वो साल बताना होगा, जब उन्होंने यात्रा दस्तावेज के बिना भारत में प्रवेश किया था. भारत में आने का दिन, भारत में आने के लिए वीजा या इमिग्रेशन स्टैंप समेत अन्य जानकारियां देनी होंगी.
नागरिकता के लिए जरुरी दस्तावेज़ ?
भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म में शेड्यूल- 1A के तहत 9 तरह के दस्तावेज मांगे गए हैं. जबकि शेड्यूल-1B के तहत 20 तरह के दस्तावेज और शेड्यूल- 1C के तहत शपथ पत्र यानी एफिडेविट देना होगा, यह बताना होगा कि वे इन तीनों देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थी हैं. यानी वहां के निवासी हैं.
वहां के पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, जमीन से जुड़े अन्य दस्तावेज दिखाने होंगे. आवेदको को भारत सरकार के तरफ से जारी की गई जन्म प्रमाण पत्र आधार कार्ड,राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, बिजली और पानी बिल, विवाह प्रमाण पत्र ,जमीनी दस्तावेज,आदि दिखाकर भी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते है।
कैसे काम करेगा CAA का सिस्टम ?
सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है.आवेदन ऑनलाइन करने होंगे. पहले आवेदन जिला कमेटी के पास जाएगी , फिर वो एंपावर्ड कमेटी को भेजेगा, फिर अधिकार प्राप्त कमेटी नागरिकता पर फैसला लेगी, उसके बाद इसके प्रमुख डायरेक्टर (सेंसस ऑपरेशंस) किया जायेगा . इसमें 7 अन्य सदस्य होंगे. फिर आईबी, फॉरेन,पोस्ट ऑफिस, रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस,और राज्य सूचना अधिकारी इस प्रक्रिया में शामिल होंगे।
क्या करें, अगर दस्तावेज नहीं हैं तो ?
यदि किसी के पास कोई दस्तावेज नहीं है तो वो उसका कारण बताना होगा . कोई डॉक्यूमेंट्स है तो उसकी जानकारी देनी होगी ,फॉर्म भरने के लिए दस्तावेज होना जरूरी नहीं किया गया है आप जिस भी राज्य में निवास कर रहे है तो वहां की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं
क्या-क्या भरना होगा फॉर्म में ?
ऑनलाइन फॉर्म में आपको किस धर्म से संबंध रखते हैं. भारत में आने के बाद क्या काम कर रहे हैं, अपने माता-पिता या पति का नाम, भारत में कब से रह रहे हैं. भारत आने के बाद किसी भारतीय से शादी की है उसके बारे में भी जानकारी देना होगा . बच्चों के लिए भी अलग से फॉर्म दिया गया है. अगर आपके ऊपर कोई आपराधिक मामला दर्ज है तो इसकी भी जानकारी देनी होगी,अगर सरकार को लगेगा कि ऐसे किसी व्यक्ति को नागरिकता देने से खतरा है तो उसका फॉर्म कैंसिल कर दिया जायेगा ,इन सभी बातो की जानकारी देनी होगी।
क्या सीएए किसी व्यक्ति की नागरिकता छिन सकती है ?
सीएए किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है. CAA के तहत तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम छह समुदायों को नागरिकता प्राप्त करने का कानून है।
नागरिकता सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त करें?
कोई झूठ या आपत्तिजनक धोखाधड़ी की स्थिति में फॉर्म कैंसिल कर सकते है, फॉर्म की सारी जानकारी देने के बाद सत्यता की पुष्टि और हस्ताक्षर करने होंगे.
प्रमाणपत्र अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष या डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित होगा. नागरिकता प्राप्त लोगों को समिति के द्वारा देशीयकरण का एक डिजिटल प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
नागरिकता के शर्ते क्या रहेगी ?
– भारतीय नागरिकता पाने वाले लोगों को आवेदन करने की तारीख से ठीक पहले देश में कम से कम 12 महीने तक रहना अनिवार्य है, आठ वर्षों के दौरान भी आवेदकों को देश में कम से कम छह साल बिताया गया हो, तब वो भारत की नागरिकता प्राप्त करने के पात्र माना जाएगा।
– आवेदक मौजूदा नागरिकता को त्याग रहे हैं और वे ‘भारत को स्थायी घर’ बनाना चाहते हैं यह घोषणा पत्र भी देना होगा
*कोई भी आवेदक पंजीकृत होने या देशीयकृत होने के लिए एक उपयुक्त और उचित व्यक्ति है या नहीं, इसकी जांच से संतुष्ट होने के बाद अधिकार प्राप्त समिति आवेदक को भारत की नागरिकता प्रदान करेंगे।
CAA पर प्रतिक्रियाएं
11 मार्च को देशभर में नागरिकता संशोधन कानून यानी (CAA) लागू हो चुका है। मोदी सरकार ने लागू करने का नोटिफिकेशन कल जारी कर दिया था. पिछले 4 साल (2019) से यह कानून लागू नहीं हो पा रहा था, जबकि संसद के दोनों सदनों में बिल पास हए काफी दिन हो गए है। CAA लागू होने के बाद जहां बीजेपी और उससे जुड़े संगठन इसे ऐतिहासिक बता रहे है वही विपक्षी पार्टियों ने इस कानून के खिलाफ बयानबाजी और चुनावी एजेंडा बता रही है। इस कानून के खिलाफ असम केरला और बंगाल सहित कुछ राज्यों में प्रदर्शन काफी तेज़ हो गई है, असम के कुछ जिलों में धारा 144 लागु कर दिया गया है। वही दूसरी तरफ केरल सरकार ने इसे लागु करने से साफ मना कर दिया है , बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस कानून को लेकर लगातार लम्बे समय से विरोध कर रही है।
इस कानून पर वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारीख ने कहा की CAA एक केंद्रीय कानून है ,इसे राज्य सरकार क़ानूनी तौर पर लागु करने से मना नहीं कर सकते है। पर उन्हें लगता है की ये कानून संविधान के मूलभावना और संघवाद के खिलाफ है तो वो इसका पूरा विरोध कर सकते है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकते है। असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा ने प्रदर्शनकारियो से कहा की यदि उन्हें ये कानून गलत लगता है तो वो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते है , यहां सड़को पर हंगामा और तोड़फोड़ कर राज्य के राजस्व को नुकसान नहीं पंहुचा सकते है।
आगे उन्होंने कहा की किसी भी राजनितिक पार्टी इस कानून को लेकर कोई भी आंदोलन या मोर्चा निकल कर राज्य में अशांति फ़ैलाने का कोशिश करते है उनका रजिस्टेशन ख़तम कर दिया जायेगा। असम के विपक्षी पार्टी पहले ही आज राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान कर चुका है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एस के स्टालिन ने कहा कि बीजेपी सरकार के (विभाजनकारी एजेंडा ) ने नागरिकता अधिनियम को हथियार बना कर देश में इसे मानवता का प्रतीक बना धर्म और नस्ल के आधार पर भेदभाव के प्रणाली में बदल दिया है। इस कानून को लेकर देश में हो रहे प्रदर्शन में अभी तक कोई दुखद घटना सामने नहीं आई है