Chaturmas 2024 : हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से चातुर्मास आरंभ होता है। जैसा की इसके नाम से पता चलता हैं, की इसके अंतर्गत चार महीने आते हैं। “चातुर” यानि चार और “मास” यानि महीने। चातुर्मास में आने वाले चार महीने हैं: आसाढ़, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक। ऐसा माना जाता हैं की इन चार महीनों में भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, इसलिए इस दिन को देवशयनी एकादशी भी कहते हैं मान्यता हैं की इस दिन से देव सो जाते हैं।
शुभ काम हो जाते हैं बंद
इसलिए इस दिन से चार महीने के लिए सभी शुभ काम बंद हो जाते हैं जैसे शादी, मुंडन, मुहूर्त आदि। ठीक चार महीने बाद जब देवउठनी एकादशी आती हैं उस दिन से सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं क्योंकी माना जाता हैं की उस दिन भगवान विष्णु वैकुंठ लोक में वापिस आ जाते हैं। तो आइए जानते हैं, इस वर्ष चातुर्मास कब से प्रारंभ हो रहा हैं और कब अंत होगा। इसका महत्व और पूजा के लाभ क्या हैं ?
इस वर्ष चातुर्मास 17 जुलाई 2024 तिथि एकादशी से शुरू हो कर 12 नवंबर 2024 तिथि एकादशी को समापन होगी। इन चार महीनों में सभी शुभ कार्य बंद हो जाएंगे और ठीक चार महीने बाद सभी कार्य पुनः प्रारंभ हो जाएंगे।
चातुर्मास की विशेषता
चातुर्मास में भगवान शिव की पूजा की जाती हैं। क्योंकि भगवान विष्णु पाताल लोक में जाने से पहले अपना कार्यभार भगवान शिव को सौंप कर जाते है इसलिए इन चार महीनों में जगत के पालनकर्ता भगवान शिव जी के हाथ में जगत का संचालन होता हैं। इन चार महीनों में पूजा पाठ का महत्व और ज्यादा हो जाता हैं। इन महीनों में कथा, भागवत, हवन जैसे धार्मिक कर्म कांड कराए जाते हैं जिससे सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होती हैं। माना जाता हैं की चातुर्मास में श्रद्धा और भक्ति करने से भगवान शिव की असीम कृपा होती हैं।
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चातुर्मास में शुभ कार्य न किए जाने का कारण
चातुर्मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। शादी, समारोह, मुंडन यहाँ तक की घर की नींव रखने से लेकर किसी नए काम की शुरुआत भी नहीं की जाती। इसका मुख्य कारण हैं की किसी भी कार्य पर भगवान विष्णु की दृष्टि नहीं होगी तो वह कार्य शुभ नहीं माना जाएगा और उस कार्य पर भगवान का अशीर्वाद नहीं मिलता। उसकी सिद्धि सफल होने में संदेह होता हैं। इसलिए चतुर्मास साधना और भक्ति की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता हैं।
चातुर्मास में आने वाले मुख्य त्योहार – चातुर्मास के महने में भक्ति और साधना करना और सरल हो जाता हैं क्योंकि इन महीनों में कई ऐसे धार्मिक वार्षिक त्योहार आते है जिसकी पूजा हमे अनुपम सिद्धि देती हैं। चातुर्मास में आने वाले मुख्य त्योहार –
1 श्री कृष्ण जनमाष्टमी
2 रक्षाबंधन
3 गुरुपूर्णिमा
4 गणेश चतुर्थी
5 नवरात्रि
6 दीपावली
चातुर्मास में करने वाले पूजा के नियम | Chaturmas 2024
जैसा की हम जानते हैं की चातुर्मास में पूजा पाठ भक्ति का विशेष महत्व होता हैं। इसके भी कुछ ऐसे नियम हैं जो आपको आपकी भक्ति का विशेष फल देते हैं। चातुर्मास में आपको प्रतिदिन सूर्य उदय होने से पहले उठकर स्नान करना चाहिए। रोज अपने घर के मंदिर में दिया बाती करनी चाहिए।
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भगवान शिव को रोज सुबह एकलोटा जल समर्पित करना चाहिए। रोज शाम को सूर्य अस्त होने के समय पर भी दिया बाती करनी चाहिये। बेलपत्र और आंवला के वृक्ष में जल समर्पित करना चाहिए। कई लोग चातुर्मास में एक समय भोजन करने का नियम भी करते हैं।
क्या नहीं करना चाहिए | Chaturmas 2024
चातुर्मास में प्याज लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। मदिरा या किसी नशीली चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। अपने मुख से किसी को अपशब्द या गाली नहीं देनी चाहिए। किसी भी तरह की हिंसा नहीं करनी चाहिए। जितना हो सके सात्विक जीवन जीना चाहिए।