Chanakya Niti: आज के समय में परिवार में घर में छोटी-छोटी बात पर कलह, लड़ाई-झगड़े और तनाव का माहौल रहता है। ऐसे में परिवार में खुशहाली लाने के लोग तमाम उपाय अपनाते हैं, लेकिन कई बार वो भी काम नहीं करते और लोगों को न चाहते हुए भी अलग होना पड़ता है। आर्चाय चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में मनुष्य जीवन की हर एक समस्या के समाधान के बारें में बताया है। आज हम आपको इस आर्टिकल में चाणक्य नीति (Chanakya Niti) की उन बातों के बारे में बताएंगे, जिनको अपनाने से आपके परिवार में चल रही सभी परेशानियां खत्म हो जाएगी।
आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र के 12वें अध्याय का पहला श्लोक हैं-
सानन्दं सदनं सुताश्च सुधिय: कान्ता प्रियालापिनी
इच्छापूर्तिधनं स्वयोषितिरति: स्वाऽऽज्ञापरा: सेवका:
अतिथ्यं शिवपूजनं प्रतिदिनं मिष्टान्नपानं गृहे
साधो: संगमुपासते च संततं धन्यो गृहस्थाऽऽश्रम:..
चाणक्य (Chanakya Niti) की नीति शास्त्र के 12वें अध्याय के पहले श्लोक में बताया गया हे कि किस-किस घर में खुशहाली रहती हैं। शास्त्र के मुताबिक उसी मनुष्य का घर सुखी रह सकता है, जिसकी पत्नी मृदुभाषी, अच्छे मित्र और पुत्र व पुत्री अच्छी बुद्धि से युक्त हो। जो मेहनत, परिश्रम और ईमानदारी से धन कमाता हैं। इसलिए इन बातों का अपने परिवार में ध्यान जरूर रखें।
आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र के अन्य अध्याय कहता है-
आर्तेषु विप्रेषु दयावन्तिश्च यत् श्रद्धया स्वल्पमुपैति दानम
अनन्तपारं समुपैति राजन् यद्दीयते तन्न लभेद् द्विजेभ्य:
इसके श्लोक के मुताबिक करुणा और दयावान से युक्त व्यक्ति अगर दुखी व परेशान ब्राह्मणों को श्रद्धा भाव से दान कराता है, तो उससे भगवान बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी कृपा से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और खुशहाली का वातावरण रहता है।