अंडमान निकोबार की युवती के साथ गैंगरेप के आरोपी वरिष्ठ नौकरशाह जितेंद्र नारायण को केंद्र सरकार ने निलंबित कर दिया है। वह दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात थे।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक महिला से बलात्कार के आरोपी वरिष्ठ नौकरशाह जितेंद्र नारायण को गृह मंत्रालय ने सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि सरकार अपने अधिकारियों द्वारा उनकी रैंक और स्थिति की परवाह किए बिना अनुशासनहीनता (खासकर महिलाओं की गरिमा से जुड़ी घटनाओं के संबंध में) के प्रति जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मंत्रालय को रविवार को अंडमान और निकोबार पुलिस से रिपोर्ट मिली, जिसमें नारायण और अन्य पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव के रूप में एक महिला का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों को कानून के अनुसार आईएएस अधिकारी के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके बाद नारायण को निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही का आदेश दिया गया है।
IAS ऑफिसर और लेबर कमिश्नर ने 21 साल की लड़की से किया था गैंगरेप
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में पोस्टिंग के दौरान 21 साल की एक युवती के साथ गैंगरेप का आरोप IAS ऑफिसर और लेबर कमिश्नर पर लगा है। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में महिला की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। महिला ने 1990 बैच के आईएएस अधिकारी नारायण और श्रम आयुक्त आर एल ऋषि पर गैंगरेप करने का आरोप लगाया है।
महिला ने पुलिस को बताया है कि दो बार इन दोनों अधिकारियों ने उसका यौन शोषण किया था। महिला की शिकायत पर एबरडीन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। नारायण के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है।
आरोपियों ने दो बार किया था गैंगरेप
महिला ने 21 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया था कि अप्रैल और मई में दो बार उसके साथ गैंगरेप किया गया। उसने सबूत के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव के आवास के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित करने का अनुरोध किया था। महिला ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया है।