Measles Prevention Campaign : देश के कई इलकों में खसरा बीमारी का प्रकोप फैल रहा हैं। जो आमतौर पर बच्चों को अपना शिकार बनाती है। पहले के समय में हर एक बच्चे को खसरा होता ही था। लेकिन अब वैक्सीन की मदद से खसरा वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। हालांकि देश के कई राज्यों में इसे रुबेला के नाम से भी जाना जाता हैं। छोटे बच्चों के लिए ये बीमारी बहुत ज्यादा घातक होती है, जिससे जान जाने का खतरा भी बना रहता है। इसलिए अब खसरे का टीका लगवाने के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। हाल ही में की गई रिसर्च में पता चला है कि हर वर्ष दुनिया भर में 2 लाख से ज्यादा बच्चों की मौत खसरा बीमारी की वजह से ही होती हैं।
लाखों बच्चों को लगाया जाएगा टीका
बता दें कि इस समय हरियाणा में सबसे ज्यादा खसरा के मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए यहां सोमवार से खसरा वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अभियान (Measles Prevention Campaign) चलाया जा रहा है। बीते दिन हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नूंह और पलवल जिले में खसरे के प्रसार को रोकने के लिए मीजल्स-मम्प्स-रूबेला (MMR) कैच-अप अभियान चलाया जा रहा हैं। अभियान के तहत 9 महीने से लेकर 15 वर्ष तक के 4,72,250 बच्चों को एमआर टीके की एक अतिरिक्त खुराक दी जाएगी।
बता दें कि अभियान (Measles Prevention Campaign) की निगरानी राज्य के नोडल अधिकारी कर रहें है। साथ ही डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ जैसी आदि भागीदार एजेंसियों के अधिकारी भी अभियान की देख रेख कर रहे हैं।
दोनों वैक्सीन लगवना है जरूरी
आपको बता दें कि संक्रमण के शुरुआती दौर में बच्चों को टीकाकरण देकर खसरे के खतरे से बचाया जा सकता है। इसके लिए मीजल्स-मम्प्स-रुबेला (MMR) वैक्सीन और चिकनपॉक्स (Varicella) की वैक्सीन दी जाती हैं। 12 माह से 6 वर्ष के हर एक बच्चे को एमआर की वैक्सीन लेनी चाहिए। जिस बच्चे ने एमआर वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी होती है, तो वह खसरे की बीमारी से 97 फीसद सुरक्षित होता है।