Thursday, January 9, 2025
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BPSC Paper Leak: बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा पर विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

BPSC Paper Leak: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा विवादों में घिर गई है। इस परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर आनंद लीगल एंड फोरम ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने परीक्षा में अनियमितताओं की जांच सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत जज से कराने की मांग की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि 13 दिसंबर 2024 को आयोजित इस परीक्षा को रद्द कर री-एग्जाम कराया जाए। इसके अलावा, प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग उठाई गई है।

याचिकाकर्ता की मांग

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि परीक्षा में पारदर्शिता का अभाव था और इसमें कई गड़बड़ियां हुईं। उन्होंने इसे अभ्यर्थियों के साथ अन्याय बताया और मामले की निष्पक्ष जांच करवाने पर जोर दिया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा अभ्यर्थियों पर किए गए लाठीचार्ज की घटना को भी गंभीरता से उठाया गया है। इस पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए याचिका में कहा गया है कि अभ्यर्थियों के अधिकारों का उल्लंघन किया गया है।

प्रशांत किशोर का अनशन और पटना हाईकोर्ट में याचिका की तैयारी

इधर, जनसुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने भी परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है। दो जनवरी से अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी इस मामले को पटना हाईकोर्ट में लेकर जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके वकीलों की सलाह के अनुसार पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर करना उपयुक्त होगा। सात जनवरी को जनसुराज द्वारा पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की योजना है।

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हालांकि, अनशन के कारण प्रशांत किशोर की तबीयत बिगड़ गई है और उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बावजूद उन्होंने अनशन जारी रखने का संकल्प लिया है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक वह अनशन नहीं तोड़ेंगे।

परीक्षा विवाद के व्यापक प्रभाव

इस परीक्षा को लेकर विवाद सिर्फ कानूनी दायरों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे सैकड़ों अभ्यर्थियों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। बिहार में शिक्षा व्यवस्था और परीक्षाओं की पारदर्शिता को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। इस विवाद ने एक बार फिर परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है।

अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट और पटना हाईकोर्ट के फैसलों पर टिकी हैं। यदि याचिकाकर्ताओं की मांग स्वीकार की जाती है तो यह फैसला बिहार में प्रशासनिक परीक्षाओं के भविष्य के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है। वहीं, प्रशांत किशोर जैसे नेताओं का विरोध आंदोलन भी इस मुद्दे को नई दिशा दे सकता है।

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