Bombay Stock Exchange : भारत में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) अपने अंतिम चरण पर हैं । अगले महीने 4 जून को यह तय हो जाएगा कि भारत में किसकी सरकार बनने जा रही है। पहले के दो चरणों में मतदान प्रतिशत में कमी को देखते हुए बाजार में अनिश्चितता फैल गई और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के साथ ही साथ घरेलू निवेशकों ने जमकर बिकवाली की और बाजार लगातार गिरता गया । पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार में काफी तेज़ी देखने को मिली, यानी 21 मई को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप (mcap) 5 लाख करोड़ डॉलर (5 trillion dollar) यानी 414.46 लाख करोड़ को पार कर गया। भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिला हैं।
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दिलचस्प बात यह भी है कि केवल 117 दिनों में शेयर बाजार की वैल्यूएशन 1 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा बढ़ी है। नवंबर 2023 में BSE का (mcap) 4 लाख करोड़ डॉलर पार किया था। मार्केट विश्लेषक का मानना है कि अगर बीजेपी फिर से सत्ता में वापस आती है तो नीतियों में बदलाव कम देखने को मिलेगा, जिसकी वजह से मार्केट में और उछाल के निवेशकों को ज्यादा फायदा मिल सकता है। इसकी वजह यह भी है कि विदेशी निवेशक, जो चुनावी अनिश्चितता की वजह से शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं, वे फिर से निवेश करने शुरू कर देंगे।
BSE को 5 लाख करोड़ डॉलर का रिकॉर्ड बनाने के लिए करीब 17 साल लगे। साल 2007 के मई महीने में इसका मार्केट कैप 1 लाख करोड़ डॉलर के पार गया था।
विदेशी निवेशकों से मिलेगा बाजार को दम
बता दें कि लोक सभा चुनाव के नतीजों और चीन के बाजारों में आकर्षक मूल्यांकन के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस साल 17 मई तक (यानी जनवरी से 17 मई तक) FPI शेयरों से 26,000 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं।
1 लाख करोड़ डॉलर से 5 लाख करोड़ डॉलर पहुंचा BSE का मार्केट कैप
BSE को 5 लाख करोड़ डॉलर का रिकॉर्ड बनाने के लिए करीब 17 साल का काफी लम्बा वक्त लगा हैं । साल 2007 के मई महीने में BSE का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ डॉलर के पार गया था, फिर करीब 10 साल बाद यानी जुलाई 2017 में यह आंकड़ा 2 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंचा और इसके 4 साल के भीतर ही मई 2021 को यह 3 लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को पार कर गया था।
mcap के मामले में 5वें नंबर पर भारतीय शेयर बाजार
भारतीय शेयर बाजार 5 लाख करोड़ डॉलर (5 trillion dollar) यानी 414.46 लाख करोड़ के वैल्यूएशन के साथ पांचवे नंबर पर पहुंच गया है। 55 लाख करोड़ डॉलर के साथ अमेरिका पहले नंबर पर है। चीन 9.4 लाख करोड़ डॉलर के साथ दूसरे नंबर पर है। जापान 6.42 लाख करोडॉ डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर है। हांग कांग 5.47 लाख करोड़ डॉलर के साथ चौथे नंबर पर हैं ।
मार्केट कैप में उछाल की वजह
भारतीय शेयर बाजार में उछाल की वजह भारत की GDP ग्रोथ अनुमान को भी माना जा रहा है। कल ही इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings & Research) ने मार्च तिमाही में देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट 6.2 फीसदी और वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 6.9 से 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करे तो भारत का सर्विस पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) में अप्रैल माह के दौरान थोड़ी गिरावट देखी गई थी। लेकिन बाजारों में मजबूत मांग के कारण इसमें मजबूती कायम रही थी । HSBC के सर्वेक्षण में कहा गया कि जबरदस्त घरेलू मांग के अलावा विश्व के कई हिस्सों में नया कारोबारी मुनाफा बढ़ा रहे है ।