Friday, January 31, 2025
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Chandigarh Mayor Election में बीजेपी ने मारी बाजी, हरप्रीत कौर बबला को मेयर चुनाव में मिली जीत

Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हरप्रीत कौर बबला ने जीत हासिल की है। यह चुनाव आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है, क्योंकि दोनों पार्टियों के कुछ पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी के उम्मीदवार को समर्थन दिया। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को 19 वोट मिले, जो बहुमत का आंकड़ा है। वहीं, आप की उम्मीदवार प्रेम लता को 17 वोट मिले। कुल 36 वोटों में से बीजेपी ने अपने 16 पार्षदों के अलावा आप और कांग्रेस के तीन पार्षदों के समर्थन से जीत हासिल की।

चंडीगढ़ नगर निगम में आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 6 पार्षद हैं। सदन में कुल 35 पार्षद थे, जबकि चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी का भी एक वोट था। आप-कांग्रेस गठबंधन के पास बहुमत होने के बावजूद बीजेपी ने मेयर का चुनाव जीता है। इससे साफ जाहिर होता है कि आप और कांग्रेस के बीच आपसी समन्वय की कमी और क्रॉस वोटिंग ने बीजेपी को फायदा पहुंचाया।

वहीं, सीनियर डिप्टी मेयर की सीट पर कांग्रेस के जसबीर सिंह बंटी ने जीत हासिल की। उन्हें 19 वोट मिले, जबकि बीजेपी की बिमला दूबे को 17 वोट मिले। इस तरह, कांग्रेस ने इस पद पर अपनी जीत सुनिश्चित की।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी ने प्रेम लता को अपना उम्मीदवार बनाया था। उनका मुकाबला बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला से था। प्रेम लता को 17 वोट मिले, लेकिन यह संख्या बहुमत के लिए पर्याप्त नहीं थी। चुनाव परिणाम की घोषणा पीठासीन अधिकारी रमणीक सिंह बेदी ने की। चंडीगढ़ नगर निगम के असेंबली हॉल में गुरुवार (30 जनवरी) को सुबह 11:20 बजे से मतदान शुरू हुआ और दोपहर 12:19 बजे समाप्त हुआ।

BJP's Harpreet Kaur Babla wins Chandigarh Mayor election by 19 votes,  defeating AAP-Congress candidate | Chandigarh News - The Times of India

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इस चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आप नेता कुलदीप कुमार ने मांग की थी कि चुनाव साफ-सुथरे तरीके से हों और इसकी निगरानी के लिए हाई कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज को पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार करते हुए रिटायर्ड जज जयश्री ठाकुर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया। उनकी निगरानी में ही यह चुनाव संपन्न हुआ।

पिछले साल भी चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर काफी विवाद हुआ था। तब चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने आप-कांग्रेस के आठ वोटों को रद्द कर दिया था, जिसके बाद बीजेपी के उम्मीदवार की जीत हुई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया और आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया। कोर्ट ने माना कि कुलदीप कुमार को मिले 8 वोट गलत तरीके से अमान्य करार दिए गए थे।

इस बार के चुनाव में भी आप और कांग्रेस के बीच समन्वय की कमी देखी गई। इसके अलावा, क्रॉस वोटिंग ने बीजेपी को फायदा पहुंचाया। चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के पास 16 पार्षद हैं, जबकि आप के 13 और कांग्रेस के 6 पार्षद हैं। इसके बावजूद बीजेपी ने मेयर का चुनाव जीत लिया, जो आप और कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू कर दी है। आप और कांग्रेस के बीच समन्वय की कमी और क्रॉस वोटिंग ने बीजेपी को फायदा पहुंचाया है। इस चुनाव के बाद अब दोनों पार्टियों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

इस चुनाव में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही। कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए रिटायर्ड जज को पर्यवेक्षक नियुक्त किया। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रही और किसी तरह के विवाद से बचा जा सका।

 

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