तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले को लेकर बीजेपी नेता प्रशांत उमराव मुश्किलों में घिरे हुए हैं। दरअसल, इस मामले में उनके खिलाफ कई केस दर्ज किए गए हैं। अब यूपी बीजेपी प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और एक याचिका में अलग-अलग राज्यों में दर्ज सभी FIR को एक साथ जोड़ने यानी क्लब करने की मांग की है। वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष ये मामला उठाया और इस पर कल यानी 6 अप्रैल को सुनवाई होगी।
झूठी सूचना फैलाने के लिए केस दर्ज
बीजेपी नेता प्रशांत उमराव पटेल पर तमिलनाडु में बिहारी के प्रवासी कामगारों के खिलाफ हमलों के बारे में कथित रूप से झूठी सूचना फैलाने के लिए विभिन्न पुलिस थानों में FIR दर्ज की जा सकती है। मामला मार्च के महीने में दर्ज की गई FIR से जुड़ा है। तमिलनाडु पुलिस ने क्षेत्र और भाषा के आधार पर लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करने वाली FIR दर्ज की। उमराव के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगे के लिए उकसाना), 153A (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया है।
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ट्वीट्स को लेकर मुश्किलों में घिरे
दरअसल, बीते दिनों तमिलनाडु में बिहार के लोगों को निशाना बनाने और उन पर कथित हमले के मामले चर्चाओं में आए थे। इस दौरान प्रशांत उमराव ने कई ट्वीट करने और बाद में बिना किसी स्पष्टीकरण के उन्हें हटाने का दावा किया गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की एक तस्वीर साझा करते हुए BJP नेता प्रशांत उमराव ने एक ट्वीट किया था, जिसमें कहा गया था किबिहार के 12 प्रवासियों को हिंदी में बोलने के लिए तमिलनाडु में लटका दया गया था।
जो ट्वीट हटा दिए गए हैं, उनमें ये भी कहा गया है कि बिहार के प्रवासी श्रमिकों को कथित तौर पर तमिलनाडु में मार दिया गया है। हालांकि बिहार और तमिलनाडु सरकार दोनों की सरकारों ने इसे अफवाह बताया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बयान जारी कर राज्य में प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था औऱ कहा था कि प्रवासी श्रमिकों को डरने की ज़रूरत नहीं है। अगर कोई आपको धमकी देता है, तो हेल्पलाइन पर कॉल करें। तमिलनाडु सरकार और लोग हमारे प्रवासी भाइयों की सुरक्षा के लिए खड़े होंगे।
उमराव फिलहाल अग्रिम जमानत पर हैं। उमराव ट्रांजिट अग्रिम जमानत लेने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय गए थे। हाईकोर्ट ने BJP नेता प्रशांत कुमार उमराव को 20 मार्च तक के लिए ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे दी थी।
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