Thursday, November 21, 2024
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Bikaner House attachment case: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीकानेर हाउस का बकाया 50 लाख के भुगतान में देरी पर सख्त रुख अपनाया, बकाया जमा नहीं हुआ तो होगी कुर्की

Bikaner House attachment case: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राजस्थान के नोखा नगर पालिका परिषद के स्वामित्व वाले प्रतिष्ठित बीकानेर हाउस को कुर्क करने का आदेश दिया है। यह कदम नगर पालिका द्वारा एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को 50.31 लाख रुपये का भुगतान करने में विफल रहने के बाद उठाया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बार-बार निर्देश देने के बावजूद भुगतान न होने पर यह कठोर कार्रवाई जरूरी हो गई।

मामले का विवरण

एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2020 में मध्यस्थता अधिकरण का दरवाजा खटखटाया था, जहां उनके पक्ष में फैसला दिया गया। 21 जनवरी 2020 को पारित आदेश में नगर पालिका को 50.31 लाख रुपये का भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद, नगर पालिका ने इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया।

पटियाला हाउस कोर्ट के जिला न्यायाधीश विद्या प्रकाश ने इस साल की शुरुआत में नगर पालिका द्वारा दी गई अपील को खारिज करते हुए कहा कि अब 2020 का मध्यस्थता आदेश अंतिम रूप ले चुका है। अदालत ने इसे लागू करने में देरी को अनुचित करार देते हुए नगर पालिका की संपत्ति पर कुर्की वारंट जारी करने का फैसला किया।

बीकानेर हाउस की कुर्की का आदेश

18 सितंबर 2023 को न्यायालय ने पाया कि नगर पालिका बार-बार दिए गए निर्देशों का पालन करने में विफल रही है। न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, “देनदार द्वारा अपनी संपत्ति का हलफनामा पेश न करने और भुगतान में देरी को देखते हुए, बीकानेर हाउस के खिलाफ कुर्की वारंट जारी करना उपयुक्त है।”

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि नोखा नगर पालिका अपनी संपत्ति को बेच नहीं सकती, न ही इसे उपहार या अन्य रूप से हस्तांतरित कर सकती है। यह संपत्ति कुर्की आदेश के दायरे में रहेगी।

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कोर्ट का कड़ा रुख

न्यायाधीश ने नगर पालिका के प्रतिनिधि को अगली सुनवाई पर, जो 29 नवंबर को निर्धारित है, अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अदालत के आदेश का पालन सुनिश्चित करने में असफलता की स्थिति में और सख्त कदम उठाए जाएंगे।

नगर पालिका की जिम्मेदारी

इस मामले में नोखा नगर पालिका पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। नगर पालिका के पास अब भी अदालत के निर्देश का पालन करने का अवसर है। लेकिन यदि वह भुगतान में और देरी करती है, तो बीकानेर हाउस की कुर्की की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।

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