गुरुवार को बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन रिहा हो ही गए। सुबह तड़के 4.30 बजे के बीच सहरसा जेल से उनकी रिहाई हुई। वो डीएम जी. कृष्णैय्या की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। बिहार सरकार द्वारा हाल ही में जेल नियमों में संशोधन किया गया, जिसके बाद आनंद मोहन की रिहाई संभव हो पाई। उनके साथ ही 27 और दोषियों की रिहाई हुई है।
नियमों में संशोधन का मिला फायदा
जानकारी के लिए आपको बता दें कि बुधवार को पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद आनंद मोहन जेल वापस गए ते। वो अपने बेटे राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई के लिए पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। हालांकि इसी बीच सरकार ने उनकी पूर्ण रिहाई का आदेश दे दिया। बिहार सरकार द्वारा जेल मैनुअल के नियमों में संशोधन के बाद एक आधिकारिक अधिसूचना में बताया गया कि 14 साल या 20 साल जेल की सजा काट चुके 27 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया गया है।
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आपको बता दें कि आनंद मोहन को नीतीश सरकार द्वारा नियमों के संशोधन का फायदा मिला है। दरअसल, बीते दिनों नीतीश सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में बड़ा फैसला लेते हुए किसी सरकारी अधिकारी की हत्या को भी साधारण मर्डर के जुर्म में शामिल कर दिया है। इसके चलते ही उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो पाया है। आनंद मोहन राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। ये माना जा रहा है कि उनकी रिहाई से सीएम नीतीश कुमार अपने सियासी हित साधने की फिराक में है।
14 साल की काट चुके हैं सजा
आपको बता दें कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैय्या की हत्या के आरोप में आनंद मोहन उम्रकैद की सजा काट रहे थे। इस मामले में उन्हें फांसी की सजा भी हुई थी। हालांकि ऊपरी अदालत द्वारा सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। वैसे तो आनंद मोहन 14 साल की सजा काट चुके हैं, लेकिन मामला डीएम की हत्या से जुड़ा होने की वजह से उनको राहत नहीं मिल रही थी। गौरतलब है कि 5 दिसंबर 1994 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में डीएम जी कृष्णैय्या की हत्या हुई थी।
आनंद मोहन की रिहाई पर बिहार में जमकर राजनीति भी हो रही है। वहीं इसेस पहले अपनी रिहाई को लेकर हो रहे हंगामे पर आनंद मोहन ने मंगलवार को प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि बिलकिस बानो मामले के दोषियों को भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दबाव में रिहा किया गया था। आनंद मोहन ने कहा, “गुजरात में भी RJD और नीतीश कुमार के दबाव में कुछ निर्णय लिया गया है, जाओ और देखो। कुछ लोगों को रिहा कर दिया गया है और माला पहनाई गई है। हां, मैं उस मामले (बिलकिस बानो मामले) की ओर ही इशारा कर रहा हूं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि उन्हें मारे गए आईएएस अधिकारी के परिवार के साथ “पूरी सहानुभूति” है।
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