Bihar poisonous liquor death: बिहार में जहरीली शराब का कहर एक बार फिर से लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है। छपरा और सीवान जिलों में शराब के सेवन से कई लोगों की मौत और अंधेपन की घटनाएं सामने आई हैं। इस घटना ने राज्य में अवैध शराब की बिक्री और उसके खतरनाक प्रभावों पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। इन घटनाओं के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया है और जांच पड़ताल की जा रही है ताकि दोषियों को पकड़कर कानून के सामने लाया जा सके।
छपरा में जहरीली शराब से एक मौत, दो की आंखों की रोशनी गई
छपरा के मशरक थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से एक व्यक्ति की मौत (Bihar poisonous liquor death) हो गई, जबकि दो अन्य लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। मृतक की पहचान इस्लामुद्दीन अंसारी के रूप में हुई है, और जिन लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है, उनमें मुमताज अंसारी और शमशाद अंसारी शामिल हैं। इनका इलाज फिलहाल छपरा सदर अस्पताल में चल रहा है।
अस्पताल में भर्ती एक युवक ने बताया कि उन्होंने बाजार से खरीदी शराब का सेवन किया था। इसी प्रकार दूसरे युवक ने बताया कि उसने देसी शराब पी थी, जिसे उसके परिचित भाई लेकर आए थे। शराब पीने के बाद उसकी दृष्टि धुंधली हो गई, और लोगों के चेहरे भी साफ दिखाई नहीं दे रहे थे।
छपरा में हुई इस घटना की सूचना मिलते ही बुधवार सुबह को वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। अपर पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि शुरुआती जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि इन लोगों ने किसी नशीले पदार्थ का सेवन किया था। हालांकि सभी मरीज खतरे से बाहर हैं। एक मृतक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामले की सत्यता की जांच की जा रही है और मृतक के रिश्तेदार के बयान के आधार पर उसकी जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
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सीवान में भी जहरीली शराब से मौत और अंधेपन की घटनाएं | Bihar poisonous liquor death
छपरा की घटना के बाद सीवान जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र से भी जहरीली शराब (Bihar poisonous liquor death) से मौतों की खबर सामने आई है। यहां मंगलवार देर रात संदिग्ध परिस्थिति में तीन लोगों की जान चली गई, और आठ से दस लोग बीमार हो गए हैं। इन सभी ने शराब का सेवन किया था, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ी। आरोप लगाया जा रहा है कि ये मौतें जहरीली शराब के सेवन के कारण हुई हैं। हालांकि प्रशासन ने अभी तक इस मामले में जहरीली शराब से मौत की पुष्टि नहीं की है।
अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति ने बताया कि उसे भी शराब पीने के बाद अंधापन आ गया है। डॉक्टरों का कहना है कि जहरीली शराब के सेवन से लोगों के शरीर में विषाक्त तत्व पहुंच जाते हैं, जिससे उनकी दृष्टि प्रभावित होती है और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
बिहार में शराबबंदी और उसका प्रभाव | Bihar poisonous liquor death
गौरतलब है कि बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी कानून लागू है, जिसके तहत शराब के उत्पादन, बिक्री और सेवन पर पूर्णतः प्रतिबंध है। इस कानून को लागू करने का उद्देश्य राज्य में नशाखोरी को कम करना था। परंतु शराबबंदी के बावजूद राज्य में अवैध शराब का कारोबार तेजी से बढ़ा है, और समय-समय पर जहरीली शराब (Bihar poisonous liquor death) से मौतों की खबरें आती रही हैं। इस तरह की घटनाएं सवाल उठाती हैं कि क्या शराबबंदी को पूरी तरह सफल बनाया जा सका है या फिर इसके नकारात्मक प्रभाव सामने आ रहे हैं।
शराबबंदी के बाद से राज्य में अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है, और इससे न केवल कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है, बल्कि जन स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरे में डालता है। स्थानीय स्तर पर देसी शराब का निर्माण और वितरण अवैध रूप से किया जा रहा है, और इसमें अक्सर मिलावट होती है जो बेहद खतरनाक होती है।
जहरीली शराब की समस्या के समाधान की दिशा में प्रशासनिक कदम
राज्य सरकार और प्रशासन जहरीली शराब की समस्या को सुलझाने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। हाल ही में कई जगहों पर पुलिस ने छापेमारी की और बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद की है। इसके अलावा सरकार ने जनता को जागरूक करने और अवैध शराब के दुष्प्रभावों के बारे में बताने के लिए कई जागरूकता अभियान चलाए हैं।
साथ ही, शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने कड़े प्रावधान भी किए हैं। बावजूद इसके, राज्य के कुछ हिस्सों में अवैध शराब का कारोबार लगातार बढ़ रहा है और इस पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
जहरीली शराब की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन के लिए चुनौती
बिहार में जहरीली शराब की घटनाओं का (Bihar poisonous liquor death) लगातार होना प्रशासन और सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। शराबबंदी को पूर्णतया सफल बनाने के लिए जमीनी स्तर पर और सख्ती से काम करना होगा। अवैध शराब के कारोबारी अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से अपना कारोबार करते हैं, और यहां तक कि जरूरतमंद लोगों को शराब के लिए लालच देकर अपने जाल में फंसा लेते हैं। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता है।
इस संदर्भ में, आवश्यक है कि राज्य सरकार और प्रशासनिक अधिकारी शराबबंदी कानून (Bihar poisonous liquor death) को और प्रभावी बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करें, ताकि लोगों को इस प्रकार के हादसों से बचाया जा सके। साथ ही, कानून का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि शराब के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाया जा सके।
इस प्रकार, छपरा और सीवान में हुई इस दर्दनाक घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन करवाना और अवैध शराब के कारोबार को रोकना वर्तमान में प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है।