Ganga Mandir Rahasya : भारत में विविधता का अनोखा संगम है। यहां की संस्कृति, भाषा, वेशभूषा और जगह का अपना अलग महत्त्व हैं। ऐसी ही देश में मौजूद हर एक मंदिर का अपना अलग इतिहास है। इन्हीं चीजों के संगम की वजह से दूर-दूर से पर्यटक, यहां घूमने आते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहें है, जिसका राज अब तक रहस्यमय बना हुआ है।
श्रद्धालुओं के लिए है आस्था का केंद्र
उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर में माँ गंगा को समर्पित एक मंदिर स्थित है। श्रद्धालुओं के लिए ये मंदिर आस्था का केंद्र है। गढ़मुक्तेश्वर में मौजूद इस मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी है। माँ गंगा का ये मंदिर, गंगा नदी से लगभग पांच किलोमीटर दूर है। ये प्राचीन मंदिर शहरी आबादी के एक छोर पर 80 फीट ऊंचे एक टीले पर बना है। इस मंदिर को प्राचीन गंगा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में माँ गंगा के साथ-साथ ब्रह्मा जी की भी एक सफेद मूर्ति स्थापित है। साल भर यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता हैं।
हजारों साल पुराना है इतिहास
माँ गंगा का समर्पित इस मंदिर की स्थापना कब, किसने और क्यों की थी। इसकी जानकारी अब तक किसी को नहीं पता है। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना हैं। लगभग 600 वर्ष पहले मंदिर की संरचना बनाई गई थी। देश के इस बहुचर्चित मंदिर की खासियत ये है कि यहां पर एक चमत्कारी शिवलिंग हैं। साथ ही यहां की सीढियां भी रहस्यमयी हैं।
जानिए कैसी आवाज आती है
ये मंदिर बहुत ज्यादा ऊंचाई पर बना हुआ है। इसलिए मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को कई सीढियां चढ़नी पड़ती हैं। माना जाता है कि मंदिर की सीढ़ियां रहस्यमयी पत्थर से बनाई गई हैं। सीढ़ियों पर चढ़ते समय, आवाज आती है। पत्थर में पानी फेकते समय जैसी आवाज आती है, ठीक वैसे ही इन सीढ़ियों से आवाज आती है।
पहले के समय यहां पर गंगा का पानी सीढ़ियों तक आता था। हालांकि अब 5 किलोमीटर की दूरी के बाद गंगा दिखाई देती हैं। इसके अलावा मंदिर में स्थित शिवलिंग पर अपने आप एक विशेष आकृति अंकुरित होती हैं। हर वर्ष कार्तिक माह में शिवलिंग के ऊपर अलग-अलग आकर की आकृति अंकुरित होती हैं। बता दें कि अभी तक कोई विशेषज्ञ या वैज्ञानिक इस मंदिर का रहस्य खोल नहीं पाया है।
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