Bhumi Pednekar: भूमि पेडनेकर बॉलीवुड इंडस्ट्री की मोस्ट फेमस अभिनेत्रियों में से एक हैं। भूमी इन दिनों अपनी फिल्म भक्षक को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में उनकी अदाकारी की जमकर तारीफ हो रही है। वहीं लोगों ने फिल्म की और भूमी के किरदार की की खूब सराहना की है। अपने किरदार को मिल रही प्रशंसा से भूमि काफी खुश हैं।
हाल ही में अभिनेत्री ने एक इंटरव्यू में ‘भक्षक’ की सफलता और फिल्मों के चयन को लेकर बातचीत की। इस दौरान भूमि ने कहा कि दर्शकों से ‘भक्षक’ को मिली रही प्रतिक्रिया से काफी खुश हूं।
भूमी ने अपनी फिल्म ‘भक्षक’ को लेकर की बात
आपको बता दें कि हाल ही में भूमि की पहली फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ को नौ साल पूरे हो गए। इस फिल्म की सफलता और प्रतिक्रिया को याद करते हुए भूमि ने कहा, ‘भक्षक की सफलता मुझे अपनी फिल्म हिट फिल्म की याद दिलाती है। मुझे अपनी पहली फिल्म के साथ बिल्कुल ऐसा ही महसूस हो रहा है, जैसा अभी मैं भक्षक के साथ महसूस कर रही हूं। मैं वाकई बहुत खुश हूं’।
इंटरव्यू के दौरान भूमि ने ‘टॉयलेट- एक प्रेम कथा’, ‘बधाई दो’ और ‘शुभ मंगल सावधान’ जैसी सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों को लेकर कहा, ‘मुझे ऐसी फिल्में करना पसंद है। ऐसी फिल्में दर्शकों को भी खूब पसंद आते हैं और इनके किरदार समाज पर एक गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। मुझे अपने काम से लोगों को प्रभावित करना पसंद है।
मैं चाहती हूं कि मैं जो भी भूमिका करूं, उसमें अपना 100% दूं, चाहे वह किरदार जैसा भी हो। भूमि ने आगे कहा कि कई बार ऐसा भी होता है कि मेरी फिल्म में कोई सामाजिक संदेश नही होता, लेकिन फिल्म मेरा किरदार हमेशा दमदार रहता है। इस दौरान भूमि ने एक दिलचस्प किस्सा भी साझा किया।
भूमि ने बताया, ‘भक्षक की शूटिंग खत्म करने के बाद मैंने तुरंत ‘थैंक यू फॉर कमिंग’ की शूटिंग शुरू कर दी थी। भक्षक की शूटिंग काफी कठिन थी। हालांकि, ‘थैंक यू फॉर कमिंग’ की शूटिंग के बाद मैं भक्षक की शूटिंग के दौरान की मानसिक स्थिति से बाहर आ सकी। क्योंकि यह एक कॉमेडी फिल्म थी और भक्षक एक बेहद गंभीर मुद्दे पर आधारित थी’।
अपने करियर को लेकर की बात
गौरतल है कि इंटरव्यू के दौरान भूमी ने ने आगे कहा, ‘मैंने हमेशा अपने करियर में प्रयोग किए हैं। अब एक अभिनेता के लिए ये मायने नहीं रखता कि उसकी फिल्म कहां रिलीज होगी। हालांकि, बॉक्स ऑफिस रिलीज को लेकर थोड़ा दबाव अधिक होता है क्योंकि फिल्मों को उनके प्रदर्शन और आंकड़ों के आधार पर आंका जाता है। मेकर्स और एक्टर्स को नंबर गेम में नहीं फंसना चाहिए’।