Tuesday, September 17, 2024
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Bharat Band: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ SC/ST संगठनों का देशव्यापी विरोध, बिहार में दिखा ज्यादा असर

Bharat Band :आज के दिन, सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति (SC) और जनजाति (ST) आरक्षण में क्रीमी लेयर को लागू करने के फैसले के खिलाफ, विभिन्न दलित और आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद का असर पूरे देश में देखने को मिला है, लेकिन बिहार में इसकी तीव्रता विशेष रूप से उल्लेखनीय रही है। बिहार के सभी 38 जिलों में बंद समर्थकों ने जोरदार प्रदर्शन किए, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। पटना, मधुबनी, मोतिहारी, और नवादा जैसे जिलों में बंद का प्रभाव खासतौर पर देखने को मिला।

पटना: “जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा”

राजधानी पटना में प्रदर्शनकारियों ने डाकबंगला चौराहा को बंद कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें शांतिपूर्वक विरोध जताने का अधिकार है, लेकिन पुलिस प्रशासन उन्हें रोकने का प्रयास कर रहा है। प्रदर्शनकारियों ने ‘जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा’ जैसे नारे लगाते हुए अपने अधिकारों की मांग की। डाकबंगला चौराहा पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।

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मधुबनी: संपर्क क्रांति ट्रेन को रोका गया | Bharat Band

मधुबनी में दलित संगठनों ने स्टेशन पर संपर्क क्रांति ट्रेन को रोककर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने प्लेटफार्म संख्या एक पर ट्रेन को घंटों रोके रखा, जिससे यातायात बाधित हुआ। मधुबनी के अलावा आरा और दरभंगा में भी ट्रेन सेवाओं पर असर पड़ा। दरभंगा में प्रदर्शनकारियों ने संपर्क क्रांति ट्रेन को रोककर हंगामा किया, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

पटना में अंबेडकर हॉस्टल के पास आगजनी|  Bharat Band

पटना के महेंद्रू सुल्तानगंज इलाके में भी प्रदर्शनकारियों ने आगजनी की और अशोक राजपथ को जाम कर दिया। इस घटना के कारण स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने अंबेडकर हॉस्टल के पास टायर जलाकर विरोध किया। इसके साथ ही बाइपास इलाके में भी जाम का असर देखा गया, जहां भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और यातायात को बाधित कर दिया।

नवादा: परीक्षार्थियों को हुई परेशानी

नवादा में बंद का असर विशेष रूप से देखा गया, जहां अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बाजार को बंद कराया और टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। सिपाही भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को केंद्र तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नवादा के प्रजातंत्र चौक पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया। अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष संजय पासवान उर्फ डी सी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ यह बंद आयोजित किया गया है और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Bharat Band

मोतिहारी: नेशनल हाईवे पर जाम और आगजनी

मोतिहारी में छतौनी थाना क्षेत्र के दुर्गा चौक पर प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर आगजनी की और इलाके में हंगामा किया। इस दौरान, पुलिस बल ने रक्सौल और बापूधाम स्टेशन पर पर्याप्त संख्या में तैनाती की, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।

बिहार के अन्य जिलों में बंद का असर

बिहार के अन्य जिलों में भी बंद का व्यापक असर देखा गया। गया, भागलपुर, और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में भी प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया, जिससे जनजीवन ठप हो गया। विभिन्न संगठनों ने बाजार, स्कूल, और सरकारी दफ्तरों को बंद कराने का प्रयास किया। बंद समर्थकों ने रेल और सड़क यातायात को बाधित किया, जिससे आमजन को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

बंद का राजनैतिक और सामाजिक प्रभाव

इस बंद का राजनैतिक और सामाजिक प्रभाव भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। बिहार में कई राजनैतिक दलों ने इस बंद का समर्थन किया, जबकि कुछ दलों ने इसे अनावश्यक और जनविरोधी बताया। सामाजिक रूप से, इस बंद ने दलित और आदिवासी संगठनों की एकजुटता को प्रदर्शित किया, लेकिन इसके कारण आम जनता को होने वाली असुविधा ने इसकी आलोचना भी की गई।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ इस भारत बंद ने बिहार में व्यापक असर छोड़ा है। यह प्रदर्शन सिर्फ बिहार तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे देश में इसकी गूंज सुनाई दी। हालांकि, इस बंद के कारण हुई असुविधाओं के चलते जनता के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। बंद समर्थकों का कहना है कि यह विरोध उनके अधिकारों की रक्षा के लिए है, जबकि विरोधी इसे जनजीवन को बाधित करने वाला कदम मानते हैं। यह देखना बाकी है कि इस बंद का आगे क्या परिणाम निकलता है, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि आरक्षण से जुड़ा यह मुद्दा आने वाले दिनों में भी विवादों का केंद्र बना रहेगा।

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