Bank locker robbery case: लखनऊ की राजधानी में हुए करोड़ों के बैंक लॉकर लूट कांड ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे राज्य में सनसनी फैला दी। चिनहट थाना क्षेत्र के मटियारी इलाके स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में 21 दिसंबर की देर रात चोरों ने 42 लॉकर काटकर करोड़ों के गहने और नकदी पर हाथ साफ कर दिया। यह गिरोह बिहार से संचालित एक शातिर अपराधी गिरोह था, जिसने वारदात को बेहद योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया।
घटनाक्रम का विवरण
शनिवार रात 12:35 बजे चोर बैंक में घुसे और करीब साढ़े तीन घंटे तक लॉकर काटने की घटना को अंजाम दिया। रविवार सुबह 4:00 बजे चोर बैंक से निकल गए। दोपहर 1:00 बजे पुलिस को इस चोरी की सूचना मिली। इसके तुरंत बाद फॉरेंसिक टीम, डॉग स्क्वायड, और पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन में जुट गए। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि गिरोह ने चार दिनों तक इस चोरी का खाका तैयार किया था।
बदमाशों का पीछा और मुठभेड़
पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम लगातार फरार बदमाशों की तलाश कर रही थी। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि चोरी में शामिल दो बदमाश चिनहट के किसान पथ पर देखे गए हैं। पुलिस ने घेराबंदी की तो बदमाश कार में भागने लगे। पीछा करते हुए पुलिस ने मुठभेड़ शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस की गोली से एक बदमाश सोबिंद कुमार घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
घायल बदमाश की पहचान बिहार के असरगंज निवासी सोबिंद कुमार के रूप में हुई। वहीं, दूसरा साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। पुलिस को घटनास्थल से बड़ी मात्रा में चोरी के गहने बरामद हुए।
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एक और मुठभेड़, एक बदमाश ढेर
गिरोह के दो सदस्य बिहार भागने की कोशिश कर रहे थे। गाजीपुर पुलिस ने बक्सर सीमा पर इनका सामना किया। मुठभेड़ में एक बदमाश सन्नीदयाल, जो बिहार के मुंगेर जिले का निवासी था, मारा गया। इस बदमाश पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित था।
गिरोह का पर्दाफाश: सीसीटीवी फुटेज से सुराग
चोरों की शातिर योजना के बावजूद सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस के लिए केस सुलझाना आसान कर दिया। फुटेज में एक चोर हेलमेट पहनकर मोबाइल पर बात करता दिखा। बाहर की फुटेज में उसी समय पर एक अन्य चोर भी फोन पर बात करता नजर आया। इससे स्पष्ट हो गया कि दोनों चोर एक-दूसरे से संपर्क में थे।
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों का डाटा निकाला और लोकेशन ट्रेस कर 28 घंटों के भीतर गिरोह का खुलासा कर दिया।
गिरफ्तारी और बरामदगी
अब तक तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से एक आरोपी सोमवार को हुई मुठभेड़ में पैर में गोली लगने से घायल हुआ था। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से चोरी किए गए कई गहने और नकदी बरामद की है।
शातिर गिरोह की रणनीति
यह गिरोह बेहद शातिर था। वारदात को अंजाम देने से पहले उन्होंने चार दिनों तक बैंक के आसपास की गतिविधियों की निगरानी की। दीवार में सेंध लगाकर अंदर दाखिल हुए बदमाशों ने दो टोलियों में काम किया। एक टोली बैंक के अंदर लॉकर काटने में जुटी, जबकि दूसरी टोली बाहर निगरानी कर रही थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बदमाशों ने घटना के दौरान तीन बार फोन पर बातचीत की थी। पकड़े गए बदमाशों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे फोन पर लॉकर तोड़ने की संख्या और लगने वाले समय के बारे में बात कर रहे थे।
पुलिस की अगली कार्रवाई
फरार बदमाशों की तलाश में पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम लगी हुई है। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि गिरोह के तार बिहार के मुंगेर जिले से जुड़े हैं, जो हथियार और अपराध के लिए कुख्यात है।
अपराध की समयरेखा
- 21 दिसंबर, रात 12:35: चोर बैंक में घुसे।
- 22 दिसंबर, सुबह 4:00: घटना को अंजाम देकर निकल गए।
- 22 दिसंबर, दोपहर 1:00: पुलिस को सूचना मिली।
- 22 दिसंबर, शाम: पुलिस ने जांच शुरू की।
- 23-24 दिसंबर: पुलिस ने दो मुठभेड़ों में एक बदमाश को मार गिराया और तीन को गिरफ्तार किया।
इस घटना ने अपराधियों की शातिर सोच और उनकी योजनाबद्धता को उजागर किया। लेकिन लखनऊ पुलिस की तेजी और कुशलता से 28 घंटे में ही मामले का खुलासा हो गया। फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के साथ ही उम्मीद है कि पूरा गिरोह जल्द ही सलाखों के पीछे होगा।