Friday, November 22, 2024
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“गवाह भी तुम, वकील भी तुम…”, नरोदा गाम नरसंहार में आरोपियों के बरी होने पर भड़क उठे असदुद्दीन ओवैसी

2002 के नरोदा गाम दंगों के मामले में गुरुवार को स्पेशल कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। SIT के विशेष जज एस के बक्शी की कोर्ट ने गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी समेत सभी 67 आरोपियों की बरी कर दिया।

ओवैसी ने शायरी के साथ कसा तंज

कोर्ट का इस फैसले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भड़क उठे हैं। उन्होंने कवि राहत इंदौरी की कविता के जरिए इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने तंज भरे लहजे में लिखा- “जिधर से गुजरो धुआं बिछा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर दो। तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी जमीनों को लाल कर दो। अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम, जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो।“

मामला दो दशक पुराना है। आपको तो याद होगा ही कि किस तरह 2002 में जब साबरमती एक्सप्रेस अयोध्या से गुजरात पहुंची थी, तो उसमें आग लगा दी गई थी। इस दौरान 58 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें ज्यादातर कारसेवक शामिल थे। इसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे।

अहमदाबाद के नरोदा गाम में भड़के दंगों में 11 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में कुल 86 आरोपी थी। सुनवाई के दौरान ही 18 लोगों की मौत हो गई।  मामले में 21 साल बाद फैसला आया और कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

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