Arvind Kejriwal : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 21 सितंबर 2024 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफे के बाद से केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत पर लगातार हमले जारी रखे हैं। केजरीवाल ने कई मौकों पर बीजेपी की नीतियों और रणनीतियों पर सवाल उठाए हैं। हाल ही में उन्होंने मोहन भागवत को सीधी चिट्ठी लिखकर 5 सवाल किए, जिसमें उन्होंने बीजेपी और संघ की नीतियों पर गहरा निशाना साधा।
अरविंद केजरीवाल के 5 तीखे सवाल
- 75 साल की उम्र के बाद बीजेपी नेताओं की सेवानिवृत्ति का सवाल: केजरीवाल का पहला सवाल 75 साल की उम्र के बाद बीजेपी नेताओं की अनिवार्य सेवानिवृत्ति से जुड़ा था। उन्होंने मोहन भागवत से पूछा कि बीजेपी ने 75 वर्ष की उम्र के बाद नेताओं के लिए रिटायरमेंट का कानून बनाया था, जिसके तहत वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को सक्रिय राजनीति से दूर कर दिया गया। पर अब अमित शाह का कहना है कि यह कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लागू नहीं होता। केजरीवाल ने पूछा कि क्या इस फैसले पर संघ की सहमति है? और क्या कानून सभी के लिए समान नहीं होना चाहिए?
- भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल करने पर सवाल: केजरीवाल ने दूसरे सवाल में बीजेपी के नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून 2023 को एक सार्वजनिक भाषण में एक अन्य पार्टी के नेता पर 70 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। लेकिन कुछ ही समय बाद उसी नेता के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई और उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया। उन्होंने कहा कि यह अकेला मामला नहीं है, कई बार बीजेपी ने भ्रष्ट नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया। केजरीवाल ने पूछा कि क्या यह वह बीजेपी है जिसकी संघ ने कल्पना की थी? क्या यह सब देखकर मोहन भागवत को कष्ट नहीं होता?
- दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़ने और सरकार गिराने पर सवाल: तीसरे सवाल में केजरीवाल ने ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर दूसरी पार्टियों के नेताओं को धमकाकर या लालच देकर बीजेपी में शामिल करने के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी लगातार लोकतंत्र को कमजोर कर रही है और चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने पूछा कि क्या इस तरह से सत्ता हासिल करना संघ और मोहन भागवत को स्वीकार्य है?
- बीजेपी को सही रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी पर सवाल: चौथे सवाल में केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की “कोख” में पैदा हुई पार्टी है और संघ की जिम्मेदारी है कि वह बीजेपी को सही मार्गदर्शन दे। उन्होंने मोहन भागवत से पूछा कि क्या उन्होंने कभी प्रधानमंत्री मोदी को गलत काम करने से रोका? क्या संघ ने बीजेपी को सही दिशा दिखाने का प्रयास किया है?
- जेपी नड्डा के बयान पर सवाल: केजरीवाल का पांचवां सवाल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान पर था जिसमें उन्होंने कहा था कि अब बीजेपी को संघ की जरूरत नहीं है। केजरीवाल ने इस बयान पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या बीजेपी इतनी बड़ी हो गई है कि वह संघ को “आंख दिखाने” लगी है? उन्होंने कहा कि नड्डा के इस बयान से संघ के कार्यकर्ता आहत हैं और देश जानना चाहता है कि इस बयान से मोहन भागवत के दिल पर क्या बीती।
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इस्तीफे के बाद से निरंतर हमलावर रुख
अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से बीजेपी और संघ पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। उन्होंने बीजेपी की नीतियों, विशेष रूप से पार्टी द्वारा भ्रष्ट नेताओं को अपने पाले में लाने और अन्य पार्टियों की सरकारों को गिराने के प्रयासों की आलोचना की है। केजरीवाल का कहना है कि बीजेपी का यह रवैया भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है और संघ जैसी संस्था, जो देश में नैतिकता और अनुशासन की बात करती है, को इस पर ध्यान देना चाहिए।
केजरीवाल के इन हमलों के बाद से दिल्ली की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। उनके इस्तीफे के बाद आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन उन्होंने बार-बार यह कहा कि असली मुख्यमंत्री अभी भी अरविंद केजरीवाल हैं। आतिशी ने हनुमान मंदिर में पूजा के दौरान भी कहा कि उन्होंने प्रार्थना की कि अरविंद केजरीवाल फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री बनें। इस बयान ने केजरीवाल के इस्तीफे के बाद भी उनकी राजनीतिक महत्ता और आम आदमी पार्टी में उनकी भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।