Tuesday, September 17, 2024
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Anurag Kashyap: महंगी हिंदी फिल्मों के खराब प्रदर्शन को लेकर अनुराग कश्यप ने कही बड़ी बात, बोलें- ‘अब सिनेमा जाने का कोई मतलब नहीं’

Anurag Kashyap: बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने माने डायरेक्टर अनुराग कश्यप आए दिन सुर्खियों में छाए रहते हैं। अनुराग ने इंडस्ट्री के कई हिट फिल्में दी हैं। साथ ही फैंस भी उनकी फिल्मों की तारीफ करते नहीं थकरते हैं। वहीं अनुराग अक्सर अपने दिए हुए बयानों को लेकर सुर्खियों में छाए रहते हैं।अनुराग ने अपने करियर में कई चर्चित फिल्में बनाई हैं।

वहीं बीते कुछ समय से हिंदी फिल्मों की कमाई में कमी आई है। कई भारी-भरकम बजट वाली फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत तक नहीं निकाल सकी हैं। कुछ फिल्मों को दर्शकों ने पहले दिन ही नकार दिया। इस साल भी अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म ‘फाइटर’ है, जिसके बजट को देखते हुए इसकी कमाई को बहुत अच्छा नहीं कह सकते। बॉलीवुड में लगातार महंगी होतीं फिल्मों पर अब निर्देशक अनुराग कश्यप ने बात की है

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अनुराग ने कही बड़ी बात

आपको बता दें कि अनुराग कश्यप ने बॉक्स ऑफिस पर निरंतर होते खराब प्रदर्शन को लेकर अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने इस के पीछे कुछ वजहों को चिन्हित किया है और इसके समाधान का विचार भी सुझाया है। अनुराग ने फिल्मों के टिकट की कीमतों को भी सीमित करने की राय दी है, जो फिल्म के बजट को देखते हुए काफी हद तक बढ़ाया-घटाया जाता है।

इसके अलावा निर्देशक ने कहा की बॉलीवुड में फालतू खर्च काफी होते हैं। इसके अलावा फिल्में इस लिए भी महंगी हो गईं हैं क्योंकि उसके सितारों की मांगे बहुत ज्यादा होती हैं। फिल्ममेकर ने आगे कहा, ने कहा, “हमारे पास हिंदी सिनेमा के समझदार दर्शक नहीं हैं, जिस वजह से फिल्म का व्यवसाय प्रभावित होता है। केरल के पास सिनेमा की समझ रखने वाले बुद्धिमान दर्शक हैं। वे सिर्फ अच्छी फिल्में ही नहीं बना रहे हैं, बल्कि वे लगातार हिट फिल्में भी दे रहे हैं”। उन्होंने ने आगे कहा कि तेलुगु में टिकट की कीमत की एक सीमा होती है, फिर चाहे कोई ‘आरआरआर’ बनाए या कोई छोटी फिल्म।

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‘फिल्में देखने जाना किफायती नहीं’

गौरतलब है कि हीरों के नाम पर फिल्में देखने वाले दर्शकों को भी निर्देशक ने आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, “हमारे यहां नायकों को पूजने वाले दर्शक हैं। हमारे देश की आबादी बहुत ज़्यादा है, फिर भी चीन की तुलना में, हमारे पास सिनेमाघरों की संख्या बहुत कम है”। सिनेमाघरों द्वारा अच्छा व्यवसाय ना कर पाने पर उन्होंने कहा, “क्योंकि फिल्म देखने जाना किफायती नहीं है।

दूसरे देशों में अगर आप थिएटर में अकेले हैं, तो भी फिल्म चल जाएगी। यहां अगर उन्हें एक निश्चित संख्या में दर्शक नहीं मिलते, तो वे शो रद्द कर देते हैं”। इस दौरान निर्देशक ने फिल्मों के टिकट की कीमत भी कम करने की वकालत की है।

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