Almora Bus Accident: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ, जिसमें 15 लोगों की जान चली गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। यह हादसा अल्मोड़ा के पास मार्चुला क्षेत्र में हुआ, जहां नैनी डांडा से रामनगर की ओर जा रही एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। यह दुर्घटना सारड बैंड के पास गीत जागीर नदी के किनारे हुई। राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
हादसे का विवरण
इस दर्दनाक दुर्घटना की शुरुआती जानकारी के अनुसार, हादसे का शिकार हुई बस नैनीडांडा के किनाथ क्षेत्र से रामनगर के लिए रवाना हुई थी। यूजर्स कंपनी की इस 42 सीटर बस में करीब 35 से अधिक यात्री सवार थे। हादसे के बाद कुछ यात्री स्वयं बाहर निकलने में कामयाब रहे, जबकि कुछ छिटक कर गिर गए। गहरी खाई में गिरने से बस बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। कुछ यात्रियों ने जैसे-तैसे खुद को संभाला और जानकारी पहुंचाई, जिसके बाद बचाव कार्य शुरू हुआ।
बचाव एवं राहत कार्य
घटनास्थल पर तुरंत राहत कार्यों के लिए टीमों को रवाना किया गया। एसएसपी अल्मोड़ा समेत सल्ट पुलिस के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए, और एसडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू कार्य में जुट गई है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। गंभीर रूप से घायल लोगों को तत्काल मेडिकल सहायता दी जा रही है, और आवश्यकता पड़ने पर एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था की गई है। मौके पर बचाव कार्य तेजी से चल रहा है ताकि किसी भी जीवित व्यक्ति को जल्द से जल्द बाहर निकाला जा सके।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और सचिव आपदा प्रबंधन, कुमाऊं मंडल के आयुक्त तथा अल्मोड़ा के डीएम से घटना की जानकारी ली है। मुख्यमंत्री ने बचाव और राहत कार्यों को तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। इस दुर्घटना के प्रति गंभीरता दिखाते हुए सीएम धामी ने विशेष रूप से डीएम देहरादून को रेस्क्यू ऑपरेशन की देखरेख के लिए अल्मोड़ा भेजा है। एनडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई है और बचाव कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि गंभीर रूप से घायल यात्रियों को आवश्यकता पड़ने पर एयरलिफ्ट भी किया जाए ताकि उन्हें समय पर उचित चिकित्सा मिल सके।
आपदा प्रबंधन की प्रतिक्रिया
आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने इस हादसे में 15 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि की है और कहा है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। हादसे के समय बस में 35 से अधिक यात्री सवार थे। आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत और बचाव कार्य के लिए पूरी तत्परता से काम करना शुरू कर दिया है, और बचाव दलों द्वारा तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं ताकि किसी भी व्यक्ति को समय पर सहायता पहुंचाई जा सके।
स्थानीय लोगों की भूमिका
इस घटना के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीणों और स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर घायलों की सहायता की और उन्हें प्राथमिक उपचार प्रदान किया। कई घायल यात्री जिनकी स्थिति गंभीर नहीं थी, उन्होंने खुद को संभाला और प्रशासन को घटना की जानकारी दी। स्थानीय लोगों की इस मदद से बचाव कार्य में तेजी आई और कुछ घायलों को जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता मिल सकी।
यह सड़क हादसा एक बड़ा त्रासदीपूर्ण मामला है जिसने कई लोगों की जान ले ली और कई परिवारों को गहरे शोक में डाल दिया है। इस घटना ने सड़क सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल खड़े किए हैं, विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को लेकर। मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन की सक्रियता से बचाव कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, और उम्मीद की जा रही है कि घायलों को जल्द से जल्द उचित चिकित्सा सहायता मिल सकेगी।