Thursday, November 21, 2024
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AIIMS Cyber Attack: संभल नहीं रही स्थिति, इतने हमले के बाद भी नहीं मिला फूलप्रूफ सिस्टम

दिल्ली के (AIIMS) के ई-हॉस्पिटल सर्वर पर 23 नवंबर को साइबर हमले का मामला सामने आया था। उसके बाद से अभी तक स्थिति संभल नहीं पा रही है। लगातार चौथे दिन भी एम्स में साइबर अटैक का असर रहा। इस हमले के चलते एम्स में ओपीडी और नमूना संग्रह सेवाओं के अलावा अन्य सभी सेवाएं, मसलन ऑपरेशन प्रक्रिया भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। ये हालात तो तब हैं जब ये हमला केवल एक ही संस्थान पर हुआ है। अगर इससे जुड़ी अन्य संस्थाओं पर भी होती तो सोचिए क्या हालात देखने को मिलते ?

 

देश की कई सुरक्षा एजेसियों ने एम्स कैंपस में ही डेरा डाल दिया है। गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी एम्स कैंपस पहुंच कर हालात का जायजा लिया था। रेनसमवेयर साइबर अटैक के चलते संस्थान का बैकअप सिस्टम भी जवाब दे गया है। सूत्रों का कहना है कि बैकअप सिस्टम को भी निशाना बनाया गया है।

Ajit Doval
Photo: Social Media

 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कई खुलासे किये हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि साइबर हमले में फाइलों का एक्सटेंशन ही बदल गया। एम्स के एंटी-वायरस सर्वर का लाइसेंस खत्म हो गया था। साथ ही एम्स के नेटवर्क का फायरवॉल भी काम नहीं कर रहा था। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि एम्स के कंप्यूटर बहुत ही पुराने हैं और वह ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।

 

जांच में जुटी सुरक्षा विभाग

एम्स के सुरक्षा विभाग की शिकायत पर इस मामले में स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन(आईएफएसओ) में बृहस्पतिवार को एफआईआर दर्ज की गई थी। आईएफएसओ की एक टीम इस मामले में विशेष तौर से जांच कर रही है। साथ ही कंप्यूटर एमरजेंसी रेस्पांस टीम को भी जांच में लगाया गया है। इसके अलावा दिल्ली की सुरक्षा एजेंसियां पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं।

Media Statement
Photo: Social Media

 

एम्स प्रबंधन ने कर्मचारियों को किया निलंबित

इस बीच एम्स प्रबंधन ने कंप्यूटर शाखा से जुड़े दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है वहीं उसके खिलाफ जांच भी कर रही है। साइबर अटैक से बचने के लिए ‘साइबर हाइजीन’ की प्रक्रिया अपनानी होती है। संस्थान कोई भी हो वहां पर डाटा बैकअप रोजाना लेना होता है। ये सब तैयारी पहले से ही करनी पड़ती है। क्या एम्स के पास यह सब प्लान था, ये भी एक सवाल है। साइबर क्राइम का दायरा जिस तेजी से बढ़ रहा है वैसे ही हमें खुद की सुरक्षा बढ़ानी होगी।

 

चार साल पहले तक 48 हजार से ज्यादा ‘वेनाक्राई रेनसमवेयर अटैक’ डिटेक्ट

भारत में चार साल पहले तक 48 हजार से ज्यादा ‘वेनाक्राई रेनसमवेयर अटैक’ डिटेक्ट हुए थे। विभिन्न तरह के हैकर समूह, भारतीय स्पेस में सेंध लगाने का प्रयास करते रहते हैं। उसके बाद भी देश में साइबर अटैक से बचने का फूलप्रूफ सिस्टम तैयार नहीं हो सका है।

 

 

 

 

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