Friday, November 22, 2024
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बंदरों के बाद अब इंसानो पर टेस्टिंग की बारी, जानिए क्या है न्यूरालिंक

ट्विटर में बड़े बदलावों के कारण एलन मस्क इन दिनों चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने स्मार्टफोन बनाने की बात की थी। लेकिन इस बार मामला कुछ और है। दरअसल, एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक जल्द ही ब्रेन चिप का इंसानों पर ट्रायल करने वाली है। जी हां, ठीक पढ़ा आपने। दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क जानवरों के बाद अब इंसान के ब्रेन में ये चिप लगानेवाले हैं।

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मस्क ने किया दावा

मस्क ने बताया कि उनके ब्रेन चिप इंटरफेस स्टार्टअप का डेवलप वायरलेस डिवाइस 6 महीने में ह्यूमन ट्रायल के लिए तैयार हो जाएगा। इसके लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को पेपर जमा कर दिए गए हैं। उन्होंने न्यूरालिंक के कैलिफोर्निया हेडक्वार्टर में ‘शो एंड टेल’ इवेंट किया और अपने इस डिवाइस की प्रोग्रेस की जानकारी दी। मस्क ने 6 साल पहले ब्रेन कंट्रोल इंटरफेसेस स्टार्टअप की स्थापना की थी और 2 साल पहले अपने इम्प्लांटेशन रोबोट को दिखाया था।

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इस टेक्नोलॉजी के क्या हैं फायदें

मस्क के अनुसार ये चिप खासतौर पर दिव्यांग और नेत्रहीनों के लिए बनाई जा रही है। एलन मस्क का दावा है कि आने वाले दिनों में एक चिप के जरिए ब्लाइंड इंसान भी देख सकेंगे। पैरालिसिस से पीड़ित इंसान केवल दिमाग में सोचकर मोबाइल और कंप्यूटर ऑपरेट कर सकेंगे। वायरलेस चिप उन बातों को भी पकड़ने में भी सक्षम होगी जिन बातों को कोई केवल अपने दिमाग में सोच रहा होगा। जो शारीरिक रूप से कुछ भी करने में असमर्थ हैं इस डिवाइस की मदद से काम को ज्यादा तेजी से किया जा सकेगा।

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एक दर्जन से ज्यादा बंदरों की मौत

इसी साल फरवरी में आयी ख़बरों के मुताबिक, इस चिप के ट्रायल के दौरान 15 बंदरों की मौत हुई थी। रिपोर्ट केअनुसार 2017 से 2020 के बीच इस डिवाइस की टेस्टिंग के लिए 23 बंदर लाए गए थे। जिसमें चिप इंप्लांट के बाद टेस्टिंग के दौरान एक दर्जन से ज्यादा बंदरों की मौत हो गयी थी। जिसके बाद इस डिवाइस को विवादों का सामना करना पड़ा था।

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2016 में हुई थी इसकी शुरुआत

एलन मस्क कई कंपनियों के मालिक हैं। उन्ही कंपनियों में से एक कंपनी न्यूरालिंक भी है। इस प्रोजेक्ट सह कंपनी की शुरुआत 2016 में की गयी थी। मस्क ने इसके अगले छह महीनों में करने की उम्मीद जताई है। अभी तक कंपनी ने जानवरों पर इसके ट्रायल किये हैं। इंसानों पर ट्रायल के लिए अभी कंपनी को इजाजत नहीं मिली है।

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