Chanakya Niti : पैसे कमाने की होड़ में मनुष्य, मनुष्य का ही दुश्मन बन गया है। धन कमाने की सनक में लोग किसी रिश्ते, दोस्त और यहां तक की अपने परिवार वालों को भी धोखा देने से पहले एक बार भी नहीं सोचते। आज के समय में जीवित रहने के लिए पैसे जरूरी हैं। लेकिन ये किसी इंसान और रिश्ते से बड़े नहीं हैं।
आचार्य चाणक्य ने धन को लेकर अपनी नीतियों में कई बात बताई हैं। चाणक्य मानते थे कि धन कमाने की होड़ में कुछ चीजों का साथ जीवन में कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए। इनका साथ छोड़ने से या धोखा देने से व्यक्ति को जीवनभर पछताना भी पड़ सकता है। पैसा तो एक बार फिर कमाया जा सकता है लेकिन इनका साथ छोड़ने से शायद ही इन्हें फिर से कमाया जाएं।
– चाणक्य के अनुसार, धर्म का साथ छोड़ने से इंसान की प्रतिष्ठा भी खो जाती हैं। धर्म के बिना इंसान शून्य के सामान होता है।
– जीवन में व्यक्ति का आत्मसम्मान भी बहुत जरूरी हैं। ये एक ऐसी पूंजी होती है, जिसे खरीदा, कमाया या उधार नहीं लिया जा सकता। ये तो केवल और केवल कमाया जाता है।
– आचार्य के अनुसार, रिश्ते के बीच पैसा आने से अहंकार, अहम और जलन का जन्म होता हैं। इसलिए पैसों को परिवार के ऊपर कभी भी तवज्जो नहीं देनी चाहिए। पैसों की वजह से परिवार में आई दरार को फिर से भरना बहुत मुश्किल होता है।