Waqf act in Supreme Court: वक्फ संशोधन बिल 2025 जो अब कानून बन चुका है; को संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी मंजूरी दे दी है। यह बिल (अब कानून) 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में 12-12 घंटे की चर्चा के बाद पास हुआ था। सरकार ने नए कानून को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कानून को लागू करने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार अलग नोटिफिकेशन जारी करेगी। हालांकि, अब तक इसका विरोध थमा नहीं है।अब सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन विधेयक को चुनौती दी गई है।
Supreme Court में 6 याचिका दायर
गौरतलब है कि वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अब तक 6 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं, जिन पर जल्द सुनवाई की उम्मीद है। अभी और भी कई याचिकाएं इस मसले पर दाखिल होने की उम्मीद है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं का उल्लेख किया। इस पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि वह दोपहर में उल्लेख पत्र देखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मामलों को सूचीबद्ध करने की एक व्यवस्था है और उसी हिसाब से याचिकाओं पर सुनवाई तय की जाएगी।
Waqf act पर याचिकाकर्ता का तर्क
अब तक दाखिल सभी याचिकाओं में मुख्य रूप से यही कहा गया है कि यह मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाला कानून है। वक्फ एक धार्मिक संस्था है। उसके कामकाज में सरकारी दखल गलत है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि नया वक्फ कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 15 (समानता), 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) 26 (धार्मिक मामलों की व्यवस्था) और 29 (अल्पसंख्यक अधिकार) जैसे मौलिक अधिकारों के विरुद्ध है। याचिकाकर्ताओं ने कानून में बदलाव को अनुच्छेद 300A यानी संपत्ति के अधिकार के भी खिलाफ बताया है।
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