Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर भीड़ बढ़ने से भगदड़ मच गई। कई लोग घायल हो गए हैं। मौतों की फिलहाल आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, कई रिपोर्ट्स ये दावा कर रही है कि भगदड़ में 14 लोगों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल में लाए गए। करीब 50 लोग घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह से 4 बाहर हालचाल लिया है। गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी कुशल क्षेम ली है। जो भी श्रद्धालु जो भी आए हैं, उन्हें परेशानी नहीं हो। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से मीटिंग हो रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें लोगों से की अपील
मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। स्नानार्थियों के लिए कई घाट बनाए गये हैं, जहां सुविधाजनक रूप से स्नान किया जा सकता है। उन्होंने सभी से मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। सीएम योगी ने सभी से अपील की है कि वह किसी भाी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान न दें।
संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें – धर्मगुरु
सीएम योगी के साथ ही धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है। स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें। लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें। अपनी और एक दूसरे की सुरक्षा करें। उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया।
28 जनवरी की आधी रात मची थी भगदड़
बता दें कि प्रयागराज के संगम तट पर 28 जनवरी की आधी रात बाद भगदड़ मच गई। 14 लोगों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल में लाए गए। करीब 50 लोग घायल हैं। प्रशासन ने अभी नहीं बताया कि भगदड़ में कितने श्रद्धालुओं की मौत हुई और कितने घायल हैं। भगदड़ के बाद वहां मौजूद भास्कर रिपोर्टर ने जो मंजर देखा वो भयावह था। हर ओर लोगों का सामान, कपड़े, जूते-चप्पल बिखरे हुए थे। जमीन पर घायल लेटे थे और लाशों के पास बिलखते परिजन थे। कुछ अपनों को ढूंढ रहे थे, उनकी भी आंखों में आंसू थे।
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