Mumbai attack accused Tahawwur Rana: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की एक टीम जल्द ही 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका जाएगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। एक ओर जहां NIA ने गृह मंत्रालय को अमेरिका जाने वाले अधिकारियों की सूची सौंप दी है, वहीं दूसरी ओर भारत का विदेश मंत्रालय अमेरिकी अधिकारियों के साथ इस मामले में बातचीत कर रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, संभवतः 30 जनवरी को NIA की चार सदस्यीय टीम तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए अमेरिका रवाना होगी। इस टीम में आईजी और डीआईजी रैंक के दो वरिष्ठ अधिकारी और दो कनिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि NIA ने अपनी टीम की जानकारी गृह मंत्रालय को सौंप दी है और अब गृह और विदेश मंत्रालय राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ अंतिम दौर की बातचीत कर रहे हैं।
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, तिहाड़ जेल में राणा के लिए एक उच्च सुरक्षा वाला जेल वार्ड तैयार किया जा रहा है।
21 जनवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की थी। कोर्ट के इस फैसले के बाद से राणा का भारत प्रत्यर्पण तय हो गया था। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है और 26/11 मुंबई हमले में उसकी संलिप्तता के सबूत मिले हैं।
मुंबई हमले के लिए फंडिंग करने वाले डेविड हेडली, जो अमेरिका से गिरफ्तार किए गए थे, तहव्वुर राणा के सहयोगी थे। हेडली से हुई पूछताछ के दौरान ही राणा के मुंबई हमले में शामिल होने का खुलासा हुआ था। इसके बाद अमेरिकी जांच एजेंसियों को भी राणा के हमले में शामिल होने के पर्याप्त सबूत मिले थे।
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को लेकर भारत और अमेरिका के बीच कई दौर की बातचीत हुई है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब यह प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। NIA की टीम के अमेरिका पहुंचने के बाद राणा के प्रत्यर्पण की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी और उसे भारत लाया जाएगा।
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26/11 मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने के सबूत मिले थे। तहव्वुर राणा पर हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल होने का आरोप है। उसके प्रत्यर्पण से भारत को इस मामले में और सफलता मिलने की उम्मीद है।
भारतीय अधिकारियों का मानना है कि राणा के प्रत्यर्पण से 26/11 हमले की साजिश से जुड़े कई और पहलुओं का खुलासा हो सकता है। इससे न केवल हमले में शामिल अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई में मदद मिलेगी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को भी बल मिलेगा।
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को लेकर भारत सरकार गंभीर है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। NIA की टीम के अमेरिका जाने के बाद इस मामले में और प्रगति होने की उम्मीद है।