Saturday, January 25, 2025
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FIITJEE NOIDA: नोएडा में FIITJEE कोचिंग सेंटर अचानक हुआ बंद, अभिभावकों और छात्रों ने किया जम कर हंगामा

FIITJEE NOIDA: नोएडा स्थित FIITJEE कोचिंग सेंटर, जो क्षेत्र के प्रमुख संस्थानों में से एक था, हाल ही में बिना किसी पूर्व सूचना के बंद हो गया। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम ने छात्रों और उनके अभिभावकों को न केवल आर्थिक, बल्कि मानसिक रूप से भी संकट में डाल दिया है। जैसे ही यह जानकारी फैली, अभिभावकों ने कोचिंग संस्थान के बाहर जमकर हंगामा किया और सेक्टर-62 चौकी में लिखित शिकायत दी। उनका आरोप था कि संस्थान ने बिना किसी सूचना के बच्चों की कक्षाएं बंद कर दी और संचालक फीस लेकर भाग गए।

अभिभावकों का गुस्सा और आर्थिक नुकसान

अभिभावकों के मुताबिक, उन्होंने अपने बच्चों को कोचिंग दिलाने के लिए मोटी फीस चुकाई थी। कुछ अभिभावकों ने तो दो साल की फीस एडवांस में दी थी। एक अभिभावक ने खुलासा किया कि उसने हाल ही में चार लाख रुपये की फीस भरी थी। एक हजार से अधिक छात्र इस संस्थान में पढ़ाई कर रहे थे, जिनमें से कई विद्यार्थियों ने अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए FIITJEE को चुना था। अचानक से इस संस्थान का बंद हो जाना उनके लिए बड़ा झटका साबित हुआ है।

अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे अब भविष्य को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें अन्य संस्थानों में जगह मिलने में परेशानी हो सकती है। इस घटना ने यह भी सवाल खड़ा किया है कि क्या कोचिंग संस्थान अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं या सिर्फ पैसे कमाने की ओर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह घटनाएं बच्चों के भविष्य को लेकर एक गंभीर खतरे का संकेत हैं।

कोचिंग संस्थान का प्रबंधन और वेतन विवाद | FIITJEE NOIDA

सूत्रों के मुताबिक, कोचिंग संस्थान के स्टाफ को कई महीनों से वेतन नहीं मिला था, जो संभवतः संस्थान के बंद होने की एक वजह बन सकता है। शिक्षक वर्ग ने भी इस मुद्दे पर अपनी असंतुष्टि जताई थी, और वेतन में वृद्धि के लिए अन्य संस्थानों का रुख किया था। संस्थान के प्रबंधन ने भी शिक्षकों को अधिक वेतन देने वाले दूसरे कोचिंग सेंटर में स्थानांतरित कर दिया था। इसके बाद, कोचिंग सेंटर के संचालन में रुकावट आ गई, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई।

हालांकि, नोएडा के थाना प्रभारी अमित कुमार के मुताबिक, कोचिंग सेंटर बंद नहीं हुआ है। उनका कहना था कि यह मामला दो कोचिंग संस्थानों के बीच प्रतिस्पर्धा का परिणाम है। दूसरे कोचिंग संस्थान से अधिक वेतन मिलने के कारण शिक्षकों ने FIITJEE को छोड़ दिया और कहीं और शिफ्ट हो गए। इस कारण यह समस्या उत्पन्न हुई, लेकिन कोचिंग सेंटर की बंदी का कोई सवाल नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत के लिए अभिभावकों को बुलाया गया है।

अन्य शहरों में भी FIITJEE सेंटर की बंदी

यह घटना अकेली नहीं है। पुणे और राजनगर जैसे अन्य शहरों में भी FIITJEE कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गए, जिससे सैकड़ों छात्रों की परीक्षा की तैयारी प्रभावित हुई। पुणे में दो FIITJEE सेंटर बंद हो गए थे, जिससे 300 से ज्यादा छात्र अपनी परीक्षा की तैयारी बीच में ही छोड़ने को मजबूर हो गए। राजनगर डिस्ट्रिक्ट में भी ऐसा ही मामला सामने आया, जहां एक सेंटर के बंद होने से 800 से ज्यादा इंजीनियरिंग उम्मीदवारों की पढ़ाई प्रभावित हुई।

यह घटनाएं बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। बच्चों की कड़ी मेहनत और अभिभावकों की मेहनत से बचाई गई फीस का ऐसा गलत इस्तेमाल होना बेहद चिंताजनक है। कई बार इन सेंटरों द्वारा फीस लेने के बाद, वे छात्रों के भविष्य को छोड़कर केवल अपनी आर्थिक स्थिति को ही प्राथमिकता देते हैं।

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सख्त कार्रवाई की आवश्यकता

इन घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। कोचिंग संस्थान के प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे छात्रों और अभिभावकों के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं। यह सिर्फ एक आर्थिक नुकसान नहीं है, बल्कि छात्रों के भविष्य के लिए भी घातक हो सकता है। ऐसे संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

शिक्षा का अधिकार सभी बच्चों का है, और इस अधिकार को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए। कोचिंग संस्थानों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे छात्रों की शिक्षा से जुड़े मुद्दों में कभी भी कोई विघ्न न डालें।

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