Mount Everest Climbing Hike Fee: नेपाल ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के परमिट की फीस में वृद्धि की है, जिससे पर्वतारोहियों को अब अधिक राशि खर्च करनी होगी। विदेशी पर्वतारोहियों के लिए चढ़ाई की फीस 36 प्रतिशत बढ़ाई गई है। इसके अतिरिक्त, दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर कचरा फैलने से रोकने के लिए कई नए नियम लागू किए जा रहे हैं।
चढ़ाई की नई फीस
विदेशी पर्वतारोहियों के लिए माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की फीस अब 11,000 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 15,000 अमेरिकी डॉलर कर दी गई है। यदि इसे भारतीय मुद्रा में देखा जाए, तो पहले यह राशि लगभग 8.8 लाख रुपये थी, जो अब बढ़कर 12 लाख रुपये हो गई है। यह नई फीस 1 सितंबर 2025 से लागू होगी।
चढ़ाई के लिए फीस अलग-अलग सीज़न के अनुसार निर्धारित की जाती है। सितंबर से नवंबर के बीच चढ़ाई की फीस 5,500 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 7,500 अमेरिकी डॉलर कर दी गई है। इस वृद्धि के कारण भारतीय मुद्रा में लगभग 1.6 लाख रुपये अधिक खर्च होंगे। वहीं, दिसंबर से फरवरी और जून से अगस्त के बीच, परमिट फीस 2,750 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 3,750 अमेरिकी डॉलर हो गई है, जिसमें लगभग 80,000 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
नेपाली पर्वतारोहियों पर भी प्रभाव
नेपाली पर्वतारोहियों के लिए भी परमिट फीस बढ़ाई गई है। शरद ऋतु में एवरेस्ट पर चढ़ने के इच्छुक नेपाली पर्वतारोहियों को अब 75,000 रुपये के बजाय डेढ़ लाख रुपये देने होंगे। नेपाल पर्यटन बोर्ड की निदेशक आरती न्यूपाने ने कहा कि इन नियमों को कैबिनेट द्वारा पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। हालांकि, उनकी आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है।
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चढ़ाई अवधि में बदलाव
चढ़ाई के लिए परमिट की अवधि को 75 दिनों से घटाकर 55 दिन कर दिया गया है। ‘काठमांडू पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम चढ़ाई की गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। पर्यटन मंत्रालय में संयुक्त सचिव इंदु घिमिरे ने बताया कि वसंत 2025 के लिए पहले से स्वीकृत बुकिंग पर इस बदलाव का कोई असर नहीं पड़ेगा।
कचरा प्रबंधन और अन्य नियम
नए नियमों का उद्देश्य कचरा प्रबंधन, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और सरकारी राजस्व को बढ़ाना है। पर्वतारोहियों को अब केवल वही सामान अपने साथ ले जाने की अनुमति होगी जो पर्यटन विभाग द्वारा जारी परमिट दस्तावेज़ में सूचीबद्ध होंगे।
पिछले साल का डेटा
पिछले साल वसंत ऋतु में कुल 421 परमिट जारी किए गए थे। इसके तहत लगभग 600 पर्वतारोही शिखर तक पहुंचे, जिनमें 200 विदेशी भी शामिल थे। आधार शिविर में लगभग 2,000 लोग जुटे थे। हालांकि, इस दौरान आठ पर्वतारोहियों की मौत भी हुई।
नतीजे और उद्देश्य
इन परिवर्तनों का मुख्य उद्देश्य पर्वतारोहण को अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाना है। साथ ही, पर्वतारोहण के दौरान पर्यावरण संरक्षण और कचरा प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा रही है। फीस बढ़ोतरी और चढ़ाई की अवधि में बदलाव से नेपाल सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी।