हर्षा रिछारिया ने भावुक होकर कही ये बात
महाकुंभ छोड़ने के अपने फैसले को लेकर हर्षा रिछारिया ने भावुक होकर कहा कि वह सनातन धर्म को समझने और प्रचार करने के लिए यहां आई थीं, लेकिन कुछ लोगों ने उन पर सवाल उठाए, जिससे वह आहत हो गईं। हर्षा ने विशेष रूप से स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका धर्म से जुड़ने का प्रयास उन्हें नहीं स्वीकार किया गया।
हर्षा रिछारिया ने इस दौरान भावुक होकर कहा कि अब जो लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं, उनका पाप जरूर लगेगा। उन्होंने स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज पर आरोप लगाते हुए कहा, “शर्म आनी चाहिए कि एक लड़की, जो धर्म से जुड़ने और सनातन संस्कृति को समझने आई थी, उन्हें पूरे महाकुंभ में रुकने का मौका नहीं दिया गया।”
कई धार्मिक नेताओं ने किया था विरोध
बता दें कि हर्षा रिछारिया का नाम पहले तब चर्चा में आया जब उन्हें महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में शामिल किया गया और महामंडलेश्वर के शाही रथ पर बैठाया गया था। इसके बाद कई धार्मिक नेताओं ने इसका विरोध किया था, जिसमें शाकुंभरी पीठाधीश्वर और काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप का नाम भी शामिल है।
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