Pravasi Bharatiya Divas 2025: प्रवासी भारतीय दिवस हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है, जो दुनियाभर में बसे भारतीयों के योगदान और उनके मातृभूमि से संबंधों को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है। 2025 में, यह आयोजन विशेष रूप से ओडिशा में बड़े धूमधाम और अनूठी थीम के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों की भूमिका, उनकी सफलता की कहानियां और भारत को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के उनके प्रयासों पर चर्चा की जाएगी।
प्रवासी भारतीय दिवस का महत्व
प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में हुई थी, और यह हर साल 9 जनवरी को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। गांधीजी का यह आगमन भारत के स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण मोड़ बना। इस दिन का उद्देश्य प्रवासी भारतीय समुदाय को एक मंच प्रदान करना है, जहां वे भारत के विकास में अपनी भूमिका निभा सकें।
2025 का विशेष आयोजन
2025 का प्रवासी भारतीय दिवस ओडिशा में आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न देशों से हजारों प्रवासी भारतीय भाग लेंगे। इस बार का मुख्य विषय है: “वैश्विक भारतीय समुदाय: नवाचार और सतत विकास में योगदान”।
इस आयोजन में शामिल होंगी:
- उद्घाटन सत्र: भारत के प्रधानमंत्री और प्रमुख नेताओं के प्रेरणादायक भाषण।
- सम्मेलन और पैनल चर्चा: भारत के आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी विकास में प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर केंद्रित।
- पुरस्कार समारोह: उन प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: भारत की विविध संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन।
प्रवासी भारतीयों की भूमिका
प्रवासी भारतीय विश्व के विभिन्न देशों में अपनी मेहनत और प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं। वे न केवल अपने मेजबान देशों के विकास में योगदान देते हैं, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करते हैं। उनकी निवेश, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, और सामाजिक परियोजनाओं में भागीदारी भारत को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने में सहायक है।
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चुनौतियाँ और अवसर
हालांकि प्रवासी भारतीयों को अपने मेजबान देशों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि पहचान बनाए रखना और सांस्कृतिक विविधता में संतुलन बनाना, लेकिन यह भी सच है कि वे भारत और बाकी दुनिया के बीच एक सेतु का काम करते हैं।
प्रवासी भारतीय दिवस न केवल भारत और उसके प्रवासी नागरिकों के बीच के संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, नवाचार और सहयोग के प्रति उनकी निष्ठा का भी उत्सव है। 2025 का यह आयोजन उम्मीदों और उत्साह से भरा होगा, जो भारत और प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए नए आयाम खोलेगा।