Atal Bihari Vajpayee 100th birth anniversary: 25 दिसंबर 2024 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित राजघाट पर बने “सदैव अटल स्मारक” पर जाकर वाजपेयी जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। पीएम मोदी ने कहा, “अटल जी ने सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी प्रेरणा और योगदान देश को प्रगति के पथ पर निरंतर आगे ले जाती रहेगी।”
अटल जी की स्मृतियों को नमन
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में लिखा, “भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी 100वीं जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका विजन और मिशन विकसित भारत के संकल्प में निरंतर शक्ति का संचार करता रहेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि अटल जी के साथ कार्य करने का अवसर उनके लिए अत्यंत गौरव की बात थी।
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गुड गवर्नेंस डे का महत्व
अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को देश में “सुशासन दिवस” के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य जनसेवा को शासन का केंद्रबिंदु बनाना और सुशासन की अवधारणा को आगे बढ़ाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि सुशासन का अर्थ है, जब शासन के केंद्र में सत्ता का भाव नहीं, सेवा का भाव हो। अटल जी ने अपने जीवनकाल में इसी सेवा-भावना को प्राथमिकता दी।
श्रद्धांजलि देने वालों का तांता
राजघाट स्थित “सदैव अटल स्मारक” पर अटल जी को श्रद्धांजलि देने के लिए कई प्रमुख नेता पहुंचे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अटल जी को नमन किया। अमित शाह ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, “अटल जी ने विचारधारा के प्रति समर्पण और मूल्य आधारित राजनीति से देश में विकास और सुशासन के नए युग की शुरुआत की। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को कार्य संस्कृति बनाने वाले वाजपेयी जी ने देश की सुरक्षा और जनकल्याण को सदैव सर्वोपरि रखा।”
छह वर्षों तक भारत के प्रधानमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने राजनीतिक जीवन में विभिन्न भूमिकाओं में देश की सेवा की। वे भारत के तीन बार प्रधानमंत्री बने और लगभग छह वर्षों तक इस पद पर रहे। उनके कार्यकाल में किए गए सुधारों ने देश को नई दिशा दी। पोखरण परमाणु परीक्षण, राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना, और दूरसंचार क्रांति जैसे महत्वपूर्ण कार्य उनकी सरकार के उल्लेखनीय योगदान हैं।
उनके आदर्शों की अनंत प्रेरणा
अटल जी न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ थे, बल्कि एक प्रखर वक्ता और संवेदनशील कवि भी थे। उनके नेतृत्व में भाजपा ने अपनी राजनीतिक विचारधारा को मजबूत किया और जनप्रियता हासिल की। उनके जीवन के आदर्श और आत्मसंयम भारतीय राजनीति में एक मिसाल हैं। अमित शाह ने उन्हें “ध्रुवतारे” की संज्ञा देते हुए कहा कि उनका जीवन और कार्य भारतीय नागरिकों को राष्ट्रसेवा के पथ पर प्रेरित करता रहेगा।
अटल जी की विरासत
2018 में अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद, देश ने एक महान नेता को खो दिया। लेकिन उनकी विचारधारा और योगदान आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी विरासत भारतीय राजनीति और समाज को सही दिशा में ले जाने का पथप्रदर्शन करती रहेगी।
अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर यह श्रद्धांजलि उनकी स्मृतियों को सजीव रखने और उनके आदर्शों को अपनाने का अवसर है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्ची सेवा वही है, जो देश और समाज के उत्थान के लिए हो।