Sunday, December 22, 2024
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Literacy Rate : महिलाओं के साक्षरता दर में बढ़ोतरी एक अच्छी खबर, सरकार की योजनाओं ने किया कमाल

Literacy Rate : समाज में महिलाओं का शिक्षित होना काफी जरूरी है. बेहतर समाज के निर्माण में महिलाओं की भागीदारी उतनी ही है जितना पुरूषों को. हमारे देश में महिलाओं को साक्षर से लेकर शिक्षित करने तक के लिए कई मुहिम चलाई जा रही है. इसका असर भी अब दिखने लगा है . हाल ही में इसको लेकर केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की साक्षरता में बढ़ोतरी देखने को मिली है. वर्ष 2011 में साक्षरता दर 7 साल और उससे बड़ी उम्र की लड़कियों के लिए 67.77 प्रतिशत था जोकि अब बढ़ कर साल 2023-24 में 77.5 प्रतिशत दर्ज किया गया है. ये अच्छी खबर है.

Literecy Rate

इसके साथ ही बात अगर महिलाओं की साक्षरता दर की करें तो इसमें भी इजाफा हुआ है. रिपोर्ट की माने तो एक समय देश में महिलाओं का साक्षरता दर 14.5 प्रतिशत दर्ज किया गया था, जोकि फिर धीरे-धीरे 57.93% से 70.4% तक बढ़ गई है. देश में साक्षरता दर को लेकर हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने लोकसभा में आकड़े पेश किए. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए खास कर बालिग लोगों के बीच ग्रामीण साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए कई तरह की स्कीम चला रही है. उन्होंने कहा कि इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान, साक्षर भारत, पढ़ना लिखना अभियान और उल्लस-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं.

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इस दौरान उन्होंन इन साक्षरता कार्यक्रमों के सकारात्मक परिणाम सामने रखे और कहा कि ” नव भारत साक्षरता कार्यक्रम ” ने साक्षरता दर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है . बात अगर ” नव भारत साक्षरता कार्यक्रम ” की करें तो सरकार द्वारा इस साक्षरता कार्यक्रम को साल 2022 में लॉन्च किया गया था. ये कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, 15 वर्ष से अधिक के लोगों पर खासकर फोकस करता है. साथ ही इस दौरान केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने ये भी जानकारी दी कि उल्लास स्कीम के तहत हमने सफलतापूर्वक 2 करोड़ से अधिक लोगों को पंजीकृत किया है.

उन्होंने ये भी बताया कि इसके साथ ही 1 करोड़ से अधीक लोग फाउंडेशनल लिटरेसी और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षण के तहत पहले से ही जुड़े हुए हैं. जयंत चौधरी ने बताया कि ये योजना ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से चलाई जाती है और साथ ही मोबाइल एप की मदद से भी सीखने का ऑप्शन है. उन्होंने कहा कि इस पर 26 भाषाएं उपलब्ध हैं. गौरतलब है कि महिलाओं के शिक्षित होने से ही समाज आगे बढ़ेगा. आज के समय में महिलाओं पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं.

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