Sunday, December 22, 2024
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Cyber ​​Crime: साइबर क्राइम से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कॉलर ट्यून को लेकर जारी किया नया आदेश

Cyber ​​Crime: देशभर में तेजी से बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामलों से निपटने के लिए सरकार और विभिन्न एजेंसियां लगातार नए कदम उठा रही हैं। इसी क्रम में टेलीकॉम विभाग ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स जैसे Jio, Airtel, Vodafone Idea और BSNL को निर्देश दिया है कि वे साइबर क्राइम जागरूकता से संबंधित कॉलर ट्यून का प्रसारण करें। यह कॉलर ट्यून इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की ओर से प्रदान की जाएगी, जो गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है। निर्देशानुसार, यह कॉलर ट्यून दिन में 8 से 10 बार चलनी चाहिए।

टेलीकॉम विभाग के आदेश के अनुसार, कॉलर ट्यून के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को साइबर क्राइम के खतरों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाएगा। कॉल शुरू होने से पहले यह घोषणा की जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी दी जा सके। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने के लिए I4C के नोडल ऑफिसर जिम्मेदार होंगे। टेलीकॉम ऑपरेटर्स को तुरंत इस आदेश पर अमल करने के लिए कहा गया है।

हर हफ्ते कॉलर ट्यून का कंटेंट अपडेट किया जाएगा ताकि जागरूकता का संदेश अधिक प्रभावी और प्रासंगिक बने। नई कॉलर ट्यून के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को अलग-अलग प्रकार के साइबर फ्रॉड और उनसे बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

साइबर क्राइम के बढ़ते मामले और उनकी रोकथाम

हाल के दिनों में साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसमें स्कैमर्स अक्सर खुद को सरकारी अधिकारी, पुलिस, जज या अन्य भरोसेमंद व्यक्ति बताकर लोगों को धोखा देते हैं और उनसे पैसे ऐंठ लेते हैं। उदाहरण के तौर पर, फर्जी कॉल्स के जरिए स्कैमर्स ने पुलिस अधिकारी या कूरियर कंपनी FedEx का प्रतिनिधि बनकर लोगों को धोखा दिया।

इन मामलों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) के साथ मिलकर एक नया सिस्टम विकसित किया है। यह सिस्टम संदिग्ध भारतीय मोबाइल नंबर और अंतरराष्ट्रीय कॉल्स की निगरानी करेगा और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें ब्लॉक करने का प्रावधान करेगा।

कॉलर ट्यून कैंपेन की अहमियत

कॉलर ट्यून कैंपेन का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को साइबर फ्रॉड के सामान्य तरीकों और उनसे बचने के उपायों के प्रति जागरूक करना है। उदाहरण के लिए, यह कॉलर ट्यून लोगों को यह जानकारी देगी कि किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, अपने बैंक खाते की जानकारी किसी के साथ साझा न करें, और किसी भी संदिग्ध कॉल के प्रति सतर्क रहें।

इस पहल के तहत I4C विभिन्न प्रकार के साइबर फ्रॉड जैसे फिशिंग, वॉलेट स्कैम, OTP फ्रॉड, और अन्य डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों पर केंद्रित कॉलर ट्यून तैयार करेगा। इन ट्यून को उपयोगकर्ताओं के लिए सरल और समझने में आसान भाषा में प्रस्तुत किया जाएगा।

जागरूकता बढ़ाने की दिशा में अन्य कदम

साइबर क्राइम रोकने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। I4C का उद्देश्य न केवल साइबर अपराधियों को पकड़ना है, बल्कि आम जनता को इस तरह के अपराधों से सुरक्षित रखना भी है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न शैक्षणिक और सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को डिजिटल सुरक्षा के महत्व के बारे में शिक्षित किया जा रहा है।

देश में बढ़ते साइबर क्राइम को रोकने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। साइबर क्राइम जागरूकता से संबंधित कॉलर ट्यून लोगों को सतर्क रहने और साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बचाने में मदद करेगी। टेलीकॉम ऑपरेटर्स की इस पहल से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और साइबर सुरक्षा के प्रति उनका भरोसा मजबूत होगा। सरकार और संबंधित एजेंसियों के प्रयासों से यह उम्मीद की जा सकती है कि साइबर फ्रॉड के मामलों में कमी आएगी और डिजिटल इंडिया की दिशा में एक सुरक्षित कदम बढ़ेगा।

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