Golden Line Metro Extension: उत्तर प्रदेश के नोएडा में निर्माणाधीन जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बेहतरीन कनेक्टिविटी देने के लिए कई योजनाओं पर कार्य शुरू हो गया है। इसमें मेट्रो कनेक्टिविटी को लेकर नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएमआरसी) ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आईजीआई) और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को कनेक्ट करने के लिए एयरोसिटी से कालिंदी कुंज तक गोल्डन लाइन को विस्तारित करने का प्रस्ताव दिया है। वर्तमान में यह लाइन एयरोसिटी से तुगलकाबाद तक प्रस्तावित है।
गोल्डन लाइन विस्तार का महत्व
तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज तक लगभग पांच किलोमीटर का एलिवेटेड ट्रैक प्रस्तावित है। इस विस्तार के लिए सरिता विहार, मदनपुर खादर और एक अन्य स्टेशन बनाने की योजना है। डीएमआरसी ने इसके लिए यमुना प्राधिकरण के समक्ष 953 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है। यदि यह योजना लागू होती है तो कालिंदी कुंज से बॉटनिकल गार्डन तक सीधी कनेक्टिविटी संभव हो जाएगी, जिससे दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के यात्रियों को बहुत सुविधा मिलेगी।
एक्वा लाइन विस्तार
नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन को भी सेक्टर 142 से बॉटनिकल गार्डन तक जोड़ने की योजना है। यह विस्तार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली के लोगों को जेवर और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। परी चौक से एयरपोर्ट तक ई-बस सेवाएं और अन्य परिवहन सुविधाएं भी शुरू करने की योजना है।
प्रशासनिक दृष्टिकोण
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि गोल्डन लाइन विस्तार पर विचार-विमर्श जारी है और इसे शीघ्र ही मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गाजियाबाद तक रैपिड रेल का ट्रैक बनने की योजना है। इस परियोजना के तहत दोनों एयरपोर्टों को मेट्रो से जोड़ने का लक्ष्य है।
प्रस्तावित योजना
जेवर को बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ने की इस योजना के तहत:
- गोल्डन लाइन का विस्तार कालिंदी कुंज तक किया जाएगा।
- कालिंदी कुंज से बॉटनिकल गार्डन तक मैजेंटा लाइन के माध्यम से इंटरचेंज सुविधा मिलेगी।
- बॉटनिकल गार्डन, जो पहले से ही ब्लू और मैजेंटा लाइनों का प्रमुख इंटरचेंज स्टेशन है, इस योजना का केंद्र बनेगा।
- एक्वा लाइन और गोल्डन लाइन के जुड़ने से मेट्रो ग्रिड में एक नई समग्रता आएगी।
लागत और समय-सीमा
इस योजना की अनुमानित लागत 950 करोड़ रुपये है। गोल्डन लाइन के विस्तार को तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि रैपिड रेल परियोजना को चालू होने में पांच वर्षों का समय लग सकता है।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
यह परियोजना नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निवासियों को सार्वजनिक परिवहन के बेहतर विकल्प प्रदान करेगी। साथ ही, इससे हवाई यात्रियों को आईजीआई और नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने में आसानी होगी। इसके अतिरिक्त, यह क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन में योगदान देगा।
नमो भारत और रैपिड रेल योजना
नोएडा एयरपोर्ट को एनसीआर के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर की योजना भी बनाई गई है। डीएमआरसी के मुख्य परियोजना प्रबंधक शिव ओम द्विवेदी ने 5 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड गोल्ड लाइन कॉरिडोर का प्रस्ताव दिया है, जिससे परी चौक के साथ कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
भविष्य की संभावनाएं
- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर टैक्सी सेवाएं शुरू करने की योजना है।
- बस सेवाओं के माध्यम से एयरपोर्ट को प्रमुख स्थानों से जोड़ने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
- मेट्रो और रैपिड रेल के संयोजन से एनसीआर के विभिन्न भागों को सुगम परिवहन नेटवर्क मिलेगा।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिए प्रस्तावित मेट्रो और रैपिड रेल योजनाएं क्षेत्र की परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली हैं। इन योजनाओं के माध्यम से न केवल यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि पर्यावरणीय लाभ भी सुनिश्चित होंगे। इन परियोजनाओं की सफलता क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।