South Korea: राष्ट्रपति यून ने देश में मार्शल लॉ लगाने का फैसला किया था। हालांकि, जनता के विरोध और विपक्षी पार्टियों द्वारा बनाए गए दबाव की वजह से राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ वापस का फैसला वापस ले लिया था। करीब छह घंटे तक देश में मार्शल लॉ लगाया गया था। अब साउथ कोरिया की संसद में सांसद राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लेकर आए हैं। 300 सांसदों में से 204 ने विद्रोह के आरोप में महाभियोग के पक्ष में वोट दिया, जबकि 85 ने इसके खिलाफ वोट दिया और तीन सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया और आठ वोट रद्द कर दिए गए।
यून की राष्ट्रपति शक्तियां छिन ली गईं
गौरतलब है कि यून की राष्ट्रपति शक्तियों और कर्तव्यों को निलंबित कर दिया गया है और प्रधानमंत्री हान डक-सू ने अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला है। संवैधानिक न्यायालय अब इस बात पर विचार-विमर्श करेगा कि यून को हटाने को बरकरार रखा जाए या नहीं। इसका फैसला 180 दिनों के भीतर होने की उम्मीद है।
3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के यून के प्रयास की व्यापक रूप से आलोचना की गई थी। विपक्षी दलों और विशेषज्ञों ने उन पर विद्रोह का आरोप लगाया। राष्ट्रपति ने अपने निर्णय की वजहों में से एक के रूप में उत्तर कोरिया के लिए घरेलू राजनीतिक समर्थन को खत्म करने की जरूरत का हवाला दिया था।
महाभियोग लगाने का प्रयास किया था
बता दें कि मार्शल लॉ के कारण पहले विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति यून पर महाभियोग लगाने का प्रयास किया था। हालांकि, यह प्रस्ताव विफल हो गया क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी के ज्यादातर सांसदों ने मतदान का बहिष्कार किया था। देश में महाभियोग के लिए 300 सीटों वाली संसद में 200 वोटों की आवश्यकता थी, लेकिन विपक्ष के पास केवल 192 सीटें थीं।
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