Royal Food : मुग़ल शासकों को जितना नाम, शोहरत और पैसे का गुरु था। उतना ही वह अपने खानपान के लिए भी जाने जाते थे। पहले के समय में मुग़ल शासक, गोश्त को खाना काफी पसंद करते थे। लेकिन ज्यादातर वो इसे शरीर को मजबूत करने के लिए खाते थे। हालांकि उन्हें साग और सब्जियों में भी विशेष दिलचस्पी थी। बादशाह के दरबार में तरह-तरह के व्यंजन बनते थे, जिन्हें बेहद एहतियात के साथ बनाया जाता था। खाद्य इतिहासकार सलमा हुसैन के मुताबिक, मुगल बादशाह के खानपान का पूरा जिम्मा सल्तनत के शाही हकीम तय करते थे।
भोजन में शामिल नहीं होती थी ये सब्जी
सलमा हुसैन के अनुसार, उस दौर में अकबर के खाने में आलू, टमाटर और लाल मिर्च नहीं होते थे। माना जाता है कि उस समय उत्तर भारत में इनकी पहुंच नहीं थी। साथ ही सरसों-तिल के दाने, कढ़ी पत्ता और कलौंजी का इस्तेमाल भी नहीं होता था। बादशाह की पसंद को ध्यान में रख कर शाही रसोइए में अलग-अलग तरह के पकवान बनाए जाते थे।
इसके अलावा बादशाह अकबर के लिए हर वर्ष लगभग एक हजार जोड़े कपड़े बनवाए जाते थे, वो भी शुद्ध सिल्क के। उन सभी कपड़ों को बादशाह की जरूरत से कई दिनों पहले ही सिलवा लिया जाता था। इन तमाम कपड़ों में सोने के तारों से कढ़ाई की जाती थी।