Gautam Adani Bribery Case: भारतीय उद्योगपति और अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी, जो दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं, एक बार फिर गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। न्यूयॉर्क की एक फेडरल कोर्ट में अडानी और उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड समेत 8 लोगों पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और अमेरिकी अधिकारियों व निवेशकों को गुमराह करने के आरोप लगाए गए हैं।
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Toggleक्या हैं आरोप?
यह मामला मुख्य रूप से भारत में सोलर एनर्जी से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए रिश्वत देने से संबंधित है। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस के अनुसार, अडानी और अन्य अधिकारियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी। इन आरोपों के अनुसार, उन्होंने निवेशकों और बैंकों को गुमराह कर इस राशि का इंतजाम किया।
अडानी ग्रुप के अन्य अधिकारियों, जिनमें गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, और अन्य शामिल हैं, पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन सभी पर निवेशकों को धोखा देने और अनुचित साधनों से अनुबंध हासिल करने का आरोप है।
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया | Gautam Adani Bribery Case
इस मामले को लेकर व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कराइन जीन-पियरे ने बयान दिया है। उन्होंने कहा, “हम अडानी के खिलाफ लगे आरोपों से अवगत हैं। इन आरोपों पर स्पष्ट जानकारी के लिए यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) और डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) से संपर्क करना होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं और इस घटना का दोनों देशों के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अडानी समूह का बचाव
अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। समूह ने बयान जारी कर कहा, “यह मामला पूरी तरह से आधारहीन है। अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद स्पष्ट किया है कि यह केवल आरोप हैं और जब तक अदालत में दोष साबित नहीं होता, किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।”
समूह ने कहा कि वे कानून के दायरे में रहकर अपनी बात रखेंगे और न्याय की उम्मीद करते हैं।
मामले का कानूनी पक्ष
यह मामला 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में दर्ज किया गया। इस पर सुनवाई बुधवार को हुई। कोर्ट ने गौतम अडानी और सागर अडानी समेत अन्य 8 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
यह मामला अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के साथ एक अन्य फर्म से भी जुड़ा हुआ है। आरोप है कि कंपनी ने सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए फंड जुटाने में निवेशकों और बैंकों को झूठे आंकड़े और जानकारी दी।
भारत और अमेरिका के संबंध पर असर?
हालांकि इस विवाद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचाई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसका भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर बहुत गहरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। दोनों देश रणनीतिक साझेदार हैं और व्यापक व्यापारिक और रक्षा सहयोग साझा करते हैं।
गौतम अडानी और अडानी समूह पर लगने वाले आरोप न केवल भारतीय उद्योग जगत के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत के लिए भी एक बड़ा झटका हैं। जहां एक ओर यह मामला भारतीय कॉर्पोरेट गवर्नेंस की साख पर सवाल खड़े करता है, वहीं दूसरी ओर अडानी समूह के लिए यह एक गंभीर चुनौती साबित हो सकता है।
आगे की सुनवाई और जांच से ही यह तय होगा कि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है और इसका अडानी समूह पर क्या प्रभाव पड़ेगा। फिलहाल, अडानी समूह अपने बचाव में जुटा हुआ है और सभी आरोपों को खारिज कर रहा है।