Odisha: ओडिशा में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, और इसका ताजा उदाहरण जाजपुर जिले के धर्मशाला से निर्दलीय विधायक हिमांशु शेखर साहू पर हुआ हमला है। बुधवार शाम को बुद्ध नदी पुल के पास हुई इस घटना ने राज्य में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विधायक साहू ने आरोप लगाया है कि कुछ अज्ञात बदमाशों ने उनकी कार पर हमला किया, मारपीट की, उनकी कार में तोड़फोड़ की और उनकी सोने की चेन लूट ली।
घटना का विवरण
हिमांशु शेखर साहू के अनुसार, वह जाजपुर टाउन स्थित जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए जा रहे थे। रास्ते में, उनकी कार स्थानीय लोगों द्वारा किए गए चक्काजाम में फंस गई। इसी दौरान, हथियारों से लैस कुछ अज्ञात हमलावरों ने उनकी कार पर हमला कर दिया। इस दौरान उनके सुरक्षाकर्मियों और उनके साथ भी मारपीट की गई। घटना के बाद विधायक ने बताया कि हमला सुनियोजित था और अपराधियों का उद्देश्य उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाना था।
पुलिस का आश्वासन | Odisha
घटना की जानकारी मिलने के बाद जाजपुर के एसपी श्रीमाल ने कहा कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। श्रीमाल ने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस की प्राथमिकता है, और इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, घटना के 24 घंटे बाद तक कोई औपचारिक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
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राजनीतिक प्रतिक्रिया
हमले के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। बीजू जनता दल (बीजद) के नेता और जाजपुर के विधायक प्रणब प्रकाश दास ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने अधिकारियों से जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि बीजद किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता। दास ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि अगर उनके परिवार का कोई सदस्य इस घटना में शामिल पाया जाता है, तो वह जांच में पूरा सहयोग करेगा।
जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा पर सवाल
यह हमला न केवल हिमांशु शेखर साहू की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि ओडिशा में जनप्रतिनिधियों की समग्र सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। राज्य में बढ़ते अपराध और जनप्रतिनिधियों पर हो रहे हमलों ने एक बार फिर पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारियों को कठघरे में ला खड़ा किया है।
सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए पुलिस को एक ठोस रणनीति तैयार करनी चाहिए। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की पेट्रोलिंग बढ़ाने, सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को उन्नत प्रशिक्षण देने, और आपातकालीन परिस्थितियों के लिए विशेष योजनाएं बनाने की जरूरत है।
जनता की उम्मीदें और प्रशासन की जिम्मेदारी
यह घटना न केवल हिमांशु शेखर साहू के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए चिंताजनक है। ओडिशा में अपराधियों का मनोबल तोड़ने के लिए प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी होगी। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था को और सख्त बनाने की आवश्यकता है। जनता और जनप्रतिनिधि दोनों ही उम्मीद करते हैं कि सरकार और पुलिस इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करेंगी।
इस घटना ने साबित कर दिया है कि ओडिशा में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना अत्यावश्यक है। जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि लोकतंत्र की नींव पर ऐसे हमलों का कोई असर न पड़े।