Stock market crash: सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 156.72 अंक गिरकर 77,423.59 पर और निफ्टी 64.25 अंक घटकर 23,468.45 पर कारोबार करता दिखा। दिन के दौरान सेंसेक्स ने 500 अंकों तक की गिरावट दर्ज की, जबकि निफ्टी 23400 के नीचे चला गया।
विदेशी पूंजी निकासी का दबाव
भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों (एफआईआई) की लगातार बिकवाली का असर साफ दिखा। गुरुवार को एफआईआई ने 1,849.87 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, जिससे इस महीने अब तक भारतीय बाजार से 22,420 करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है। 2024 में अब तक एफपीआई की कुल बिकवाली 15,827 करोड़ रुपये रही है।
विदेशी निवेशक घरेलू बाजारों की ऊंची मूल्यांकन दरों, अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल में बढ़ोतरी और चीन में बढ़ते निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। इन कारकों ने भारतीय शेयर बाजार को दबाव में ला दिया है।
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प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन
सेंसेक्स के 30 शेयरों में टेक्नोलॉजी और बैंकिंग क्षेत्र में गिरावट का प्रभाव ज्यादा दिखा।
- गिरावट वाले शेयर: इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एनटीपीसी, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स और इंडसइंड बैंक।
- बढ़त वाले शेयर: एचडीएफसी बैंक, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस और एशियन पेंट्स।
वैश्विक संकेतों का प्रभाव
वैश्विक बाजारों से कमजोर संकेत भी भारतीय शेयर बाजार की गिरावट का कारण बने।
- एशियाई बाजार: सियोल, शंघाई और हांगकांग में बढ़त रही, जबकि टोक्यो में गिरावट दर्ज की गई।
- अमेरिकी बाजार: शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट गिरावट के साथ बंद हुआ, जिसका असर सोमवार के कारोबार पर देखा गया।
- तेल की कीमतें: ब्रेंट क्रूड 0.51% बढ़कर 71.40 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे ऊर्जा क्षेत्र पर भी दबाव रहा।
फेडरल रिजर्व के संकेत और ब्याज दरों का असर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन के ब्याज दरों में कमी न करने के संकेत ने बाजार धारणा को कमजोर किया। इससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई और जोखिम भरी संपत्तियों से दूरी बनाते हुए सुरक्षित निवेश जैसे बॉन्ड्स की ओर झुकाव बढ़ा।
विशेषज्ञों की राय
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, “निफ्टी में शिखर से 10.4% की गिरावट आई है, लेकिन बाजार में सुधार के कोई ठोस संकेत नहीं हैं। एफआईआई की लगातार बिकवाली और अधिकांश शेयरों की आय में कमी बाजार को दबाव में रख रही है।”
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तापसे ने बताया, “अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और वॉल स्ट्रीट से कमजोर संकेतों के कारण निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।”
भारतीय शेयर बाजार पर वैश्विक और घरेलू कारकों का संयुक्त दबाव है। विदेशी पूंजी की लगातार निकासी, कमजोर आय, और फेडरल रिजर्व के सख्त रुख ने बाजार को कमजोर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में सुधार की संभावना फिलहाल कम है और निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए।