Delhi Pollution Update, GRAP-IV in Delhi NCR: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इन दिनों गंभीर प्रदूषण की चपेट में है। घने स्मॉग ने शहर को लगभग गैस चैंबर में बदल दिया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार बना हुआ है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इस विकट स्थिति के समाधान के लिए आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर तत्काल ध्यान देने की मांग की गई है। इससे पहले, 14 नवंबर को अदालत ने याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सहमति जताई थी। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि यदि स्थिति पर तुरंत काबू नहीं पाया गया, तो दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन जाएगी।
दीपावली के बाद बढ़ा प्रदूषण
11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध के उल्लंघन का संज्ञान लेते हुए कहा था कि “कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को प्रोत्साहित नहीं करता।” पटाखों के धुएं और मौसमी बदलाव के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है।
GRAP-4 लागू: कड़े प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू कर दिया है। इस तहत:
- आवश्यक सेवाओं से जुड़े CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर सभी ट्रकों की दिल्ली में एंट्री पर रोक है।
- दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-IV डीजल गाड़ियां और हल्के व्यावसायिक वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- सार्वजनिक निर्माण कार्यों और तोड़फोड़ पर अस्थायी रोक लगाई गई है।
- स्कूलों में 10वीं और 12वीं के अलावा अन्य कक्षाओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई है।
प्रदूषण का स्वास्थ्य पर असर
स्मॉग से दिल्ली-NCR के लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं। डॉक्टरों के अनुसार, खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को आंखों में जलन, गले में दर्द, और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। फेफड़ों के रोगी और दमा से पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति और गंभीर है।
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डॉक्टर्स की सलाह
डॉक्टर लोगों को सलाह दे रहे हैं कि:
- घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें।
- खिड़की और दरवाजे बंद रखें।
- सुबह और रात को गुनगुना पानी पिएं।
- अत्यधिक शारीरिक गतिविधियों से बचें।
क्या कर सकते हैं नागरिक?
प्रदूषण से लड़ने के लिए नागरिक भी योगदान कर सकते हैं। कम से कम निजी वाहनों का इस्तेमाल करें और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दें। पटाखों और धूम्रपान से बचें। घरों और कार्यालयों में वायु शुद्धिकरण यंत्रों का उपयोग करें।
न्यायपालिका और सरकार की भूमिका
सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को लागू करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि, प्रदूषण का यह संकट दीर्घकालिक समाधान की मांग करता है। सतत विकास, हरित ऊर्जा, और स्वच्छ पर्यावरणीय नीतियों के बिना यह समस्या पूरी तरह से हल नहीं हो सकती।
दिल्ली का दम घुटने से बचाने के लिए सरकार, न्यायपालिका और आम नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। तभी भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।