Saturday, November 16, 2024
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BSM VIVIBHA 2024 : ” शिक्षा में भारतीयता लाने के लिए लगातार कार्य कर रहा भारतीय शिक्षण मंडल ” – डॉ. सच्चिदानंद जोशी

BSM VIVIBHA 2024 : डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि शिक्षा में भारतीयता लाने और शिक्षा को ओपनवेशिक मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए भारतीय शिक्षण मंडल विगत 55 वर्षों से सतत कार्य कर रहा है. उन्होंने बताया कि भारतीय शिक्षण मंडल देश के सभी राज्यों में अपनी उपस्थिती दर्ज कराता है

BSM VIVIBHA 2024: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा एसजीटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम में “विजन फॉर विकसित भारत-(विविभा) 2024” सम्मेलन का उद्घाटन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सच्चिदानंद जोशी ने मंच पर उपस्थित मुख्य अतिथियों संघ प्रमुख मोहन भागवत ,संघ प्रमुख मोहन भागवत, समाजसेवी कैलाश सत्यार्थी, इसरो चीफ डॉ. एस सोमनाथ का स्वगात किया.

उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय शिक्षा में शोध और नवाचार लाने की दृष्टि से जो कार्यक्रम हमने शुरू किया था आज उस महायज्ञ की कार्तिक पूर्णिमा, गुरूनानक देव जी की जयंती और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर पुर्नाहुति है.

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उन्होंने कहा कि आप सभी का गुरूग्राम की इस पावन धरती पर स्वागत है. उन्होंने कहा कि जब इस कार्यक्रम की योजना बनी थी तो इस बात का किसी को अंदाजा नहीं था कि ये कार्यक्रम उस बोद्धिक जागरण का रूप ले लेगा जिसमें पूरा भारत के कोने – कोने से लाखों विधार्थी जुड़ जाएंगे. डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल के हजारों कार्यकर्ताओं और उनकी सकारात्मक उर्जा की परिणाम है कि आज हम लगभग 10 लाख विधार्थियों तक पहुंचे हैं, एक लाख शिक्षकों तक पहुंचे है और दस हजार शिक्षण संस्थानों तक पहुंचे विजन फॉर विकसत भारत शोध कार्यक्रम के माध्यम से. उन्होंन बताया कि ये कार्यक्रम इसिलिए महत्वपूर्ण है क्योकि इस कार्यक्रम में भारत के कोने – कोने से शोधार्थियों ने भाग लिया है तथा अपने – अपने कौशल के माध्यम से प्रशंसा अर्जित की है.

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इस दौरान डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि इससे पहले जब वे सरसंघचालक मोहन भागवत से मिले थे तो उन्होंने उन्हें एक लाख विधार्थियों तक पहुंचक पंजीयन कराने का सुझाव दिया था. डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि मुझे ये बताते हुए खुशी हो रहा है कि विजन फॉर विकसित भारत इस शोध प्रतियोगिता में 1 लाख 65 हजार विधार्थियों ने पंजीयन किया है.

उन्होंने इस दौरान ये भी कहा कि हमें ये भी बताते हुए हर्ष हो रहा है कि इन सभी 1 लाख 65 हजार विधार्थियों का देश के अलग – अगल स्थानों पर, कार्यशालाओं और आनंदशालाओं से प्रशिक्षण और प्रबोधन हुआ है. उन्होंन बताया कि विजन फॉर विकसित भारत इस शोध प्रतियोगिता के लिए एक उच्च स्तरीय चयन समिति के द्वारा चयनित शौधार्थी कार्यक्रम में उपस्थित हुए और ये हमारे लिए अत्यंत गर्व की बात है.

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उन्होंने इस दौरान कहा कि शिक्षा में भारतीयता लाने और शिक्षा को ओपनवेशिक मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए भारतीय शिक्षण मंडल विगत 55 वर्षों से सतत कार्य कर रहा है. उन्होंने बताया कि भारतीय शिक्षण मंडल देश के सभी राज्यों में अपनी उपस्थिती दर्ज कराता है और लगभग 80 प्रतिशत से अधिक जिलों में भारतीय शिक्षण मंडल का कार्य विस्तारित है तथा देश के लगभग 75 प्रतिशत विश्वविधालयों में भारतीय शिक्षा मंडल के कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय शिक्षण मंडल अपने विभिन्न आयामों के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक पहुंचने का प्रयास करता है और इसी श्रृंखला में हमारा युवा आयाम है देश के युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में वैचारिक रूप से जोड़ने का.

उन्होंने बताया कि विजन फॉर विकसित भारत के माध्यम से हमने युवाओं के 100 से अधिक ऐसे मंडल शुरू किए है जो लगातार हर सप्ताह एक साथ बैठकर विभिन्न रचनात्मक योजनाओं पर विचार करते हैं. अपने संबोधिन के अंत में भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने एक बार फिर कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों सरसंघचालक मोहन भागवत, नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. एस. सोमनाथ एंव नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. कैलाश सत्यार्थी को कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद कहा.

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