The Sabarmati Report: निर्देशक धीरज सरना की ‘द साबरमती रिपोर्ट’ 2002 के गोधरा कांड पर आधारित यह फिल्म आखिरकार सिनेमाघरों में पहुंच गई है। यह फिल्म 59 लोगों की मौत और उसके पीछे की सच्चाई को उजागर करने का दावा करती है। मुख्य पात्र समर कुमार (विक्रांत मैसी) एक पत्रकार है, जो गोधरा कांड की रिपोर्टिंग के दौरान महत्वपूर्ण सबूत हासिल करता है। लेकिन चैनल की एंकर मनिका राजपुरोहित (रिद्धि डोगरा) और प्रबंधन सच को दबाकर झूठी रिपोर्ट प्रसारित करते हैं।
फिल्म संवेदनशील मुद्दे को उठाने का प्रयास करती है, लेकिन कमजोर पटकथा और धीमी गति के कारण दर्शकों पर प्रभाव छोड़ने में असफल रहती है। गहराई और नयापन की कमी से कहानी साधारण लगती है। हालांकि, विक्रांत मैसी ने शानदार अभिनय किया है, और रिद्धि डोगरा ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है। तकनीकी पक्ष औसत है, और वीएफएक्स का सीमित उपयोग कुछ दृश्यों में ठीक है।
The Sabarmati Report Story
कहानी का मुख्य पात्र समर कुमार (विक्रांत मैसी) है, जो एक हिंदी एंटरटेनमेंट पत्रकार है। उसकी यात्रा एक संवेदनशील न्यूज रिपोर्टर बनने की है। फरवरी 2002 में गोधरा कांड को कवर करते हुए समर को ऐसे सबूत मिलते हैं, जो सच्चाई सामने ला सकते हैं। हालांकि, अंग्रेजी एंकर मनिका राजपुरोहित (रिद्धि डोगरा) और उसके चैनल का प्रबंधन झूठी रिपोर्ट प्रसारित करते हैं। समर को इसके विरोध में नौकरी से निकाल दिया जाता है।
समर की जिंदगी बिखर जाती है, लेकिन पांच साल बाद नानावटी कमीशन की रिपोर्ट से मामले में नया मोड़ आता है। एक नई रिपोर्टर अमृता (राशि खन्ना) पुराने फुटेज के जरिए सच को उजागर करने का प्रयास करती है। इसके बाद कहानी मीडिया, राजनीति और समाज के अंतर्संबंधों को दिखाने का प्रयास करती है।
Direction & Script
धीरज सरना, जो टेलीविजन के अनुभवी निर्देशक हैं, बड़े पर्दे पर अपनी छाप छोड़ने में असफल रहे। फिल्म का पहला हिस्सा विषय से भटकता है, और इंटरवल तक कहानी असली मुद्दे पर पहुंचने में असमर्थ लगती है। गोधरा कांड जैसा गंभीर विषय संवेदनशीलता और गहराई की मांग करता है, जो पटकथा में नजर नहीं आता।
फिल्म का नैरेटिव थ्रिलर जैसा होना चाहिए था, लेकिन यह सतही रह जाता है। न्यूज रूम और मीडिया हाउस की प्रस्तुति सटीक नहीं है। विविधता में एकता का संदेश देने की कोशिश भी कमजोर रह जाती है।
Acting
विक्रांत मैसी अपने किरदार में पूरी तरह से डूबे हुए नजर आते हैं। उनकी पीड़ा और संघर्ष को उन्होंने बखूबी व्यक्त किया है। रिद्धि डोगरा एक मैन्युपुलेटिव न्यूज एंकर के रूप में प्रभावशाली हैं। वहीं, राशि खन्ना का किरदार बेहतर तरीके से विकसित हो सकता था। सहायक कलाकारों के चरित्र चित्रण में भी कमी नजर आती है।
Technical side and music
फिल्म के वीएफएक्स का इस्तेमाल कुछ दृश्यों में अच्छा है, जैसे ट्रेन जलने का दृश्य। लेकिन संगीत औसत है और कहानी को भावनात्मक गहराई देने में असफल रहता है। ‘राजा राम’ गाना ध्यान खींचता है, पर फिल्म के बाकी हिस्से में संगीत प्रभावी नहीं है।
‘द साबरमती रिपोर्ट’ एक संवेदनशील मुद्दे को उठाने का सराहनीय प्रयास करती है, लेकिन कमजोर पटकथा और निर्देशन के चलते यह दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ने में विफल रहती है। विक्रांत मैसी और रिद्धि डोगरा के शानदार अभिनय के बावजूद, फिल्म में ऐसा कुछ नया नहीं है जो पहले से न सुना हो।
रेटिंग: 2.5/5
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