Friday, November 15, 2024
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Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़, पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर , जानें पार्किंग की सारी जानकारी

Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा का स्नान पर्व, जो हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और शुभ माना जाता है, हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का आकर्षण बनता है। हरिद्वार स्थित गंगा तट पर इस पर्व के अवसर पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। इसे व्यवस्थित और सुरक्षित रूप से सम्पन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने विस्तृत यातायात और सुरक्षा प्लान जारी किया है ताकि यातायात को सुगम बनाया जा सके और दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

पुलिस प्रशासन द्वारा यातायात प्लान

इस स्नान पर्व के दौरान हरिद्वार में प्रवेश करने वाले वाहनों के लिए अलग-अलग रूट और पार्किंग व्यवस्थाएं निर्धारित की गई हैं। दिल्ली, मेरठ और मुजफ्फरनगर से आने वाले वाहनों को नारसन-मंगलौर-कोर कालेज-ख्याति ढाबा-गुरुकुल कांगड़ी-शंकराचार्य चौक होते हुए हरिद्वार में अलकनंदा, दीनदयाल, पंतदीप और चमगादड़ टापू में पार्क किया जाएगा। यातायात के दबाव के बढ़ने पर वाहनों को बैरागी कैम्प पार्किंग में भी निर्देशित किया जाएगा। इसके अलावा, पंजाब और हरियाणा से आने वाले वाहनों के लिए भी एक अलग रूट निर्धारित किया गया है, जिसमें वे सहारनपुर, मण्डावर, भगवानपुर आदि स्थानों से होकर हरिद्वार पहुंचेंगे। इसी तरह, देहरादून और ऋषिकेश से आने वाले वाहनों के लिए रायवाला और दूधाधारी तिराहा होकर आने का मार्ग निर्देशित है।

यातायात के अत्यधिक दबाव को देखते हुए नजीबाबाद और सिडकुल/शिवालिक नगर से आने वाले वाहनों को भी विशेष रूट दिए गए हैं। इसी तरह, स्थानीय वाहनों, जैसे ऑटो, विक्रम, और ई-रिक्शा के संचालन के लिए भी विशेष रूट तैयार किए गए हैं, जिनसे उन्हें अपनी सीमाओं के भीतर ही चलाया जाएगा और यातायात में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होगी।

सुरक्षा व्यवस्थाएँ

हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व के दौरान सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं। मेला क्षेत्र को 9 जोन और 33 सेक्टर में विभाजित किया गया है, ताकि सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में सहूलियत हो। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से मेला क्षेत्र की निरंतर निगरानी की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति का तुरंत समाधान किया जा सके।

पुलिस बल में 4 एएसपी, 9 सीओ, 22 इंस्पेक्टर और थानाध्यक्ष, 64 एसआई और एसएसआई, 14 महिला एसआई व एएसआई, 311 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल, 61 महिला कांस्टेबल की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा, यातायात पुलिस के 2 एसआई, 9 एएसआई व हेडकांस्टेबल, 16 कांस्टेबल, अभिसूचना इकाई के 28 अधिकारी कर्मचारी, बम डिस्पोजल यूनिट, डॉग स्क्वाड की 2 टीम, 3 फायर यूनिट, जल पुलिस के 15 जवान, 2 टीम फ्लड प्लाटून, 4 कंपनी पीएसी, आईआरबी, और 2 प्लाटून डेढ़ सेक्शन भी तैनात रहेंगे।

भीड़भाड़ वाले स्थानों पर विशेष रूप से बम डिटेक्शन और आपातकालीन सेवाओं को ध्यान में रखकर बम डिस्पोजल यूनिट और डॉग स्क्वाड तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, मेले में बच्चों और बुजुर्गों के खोने की स्थिति में सहायता प्रदान करने हेतु खोया-पाया केंद्र और महिला सुरक्षा के लिए महिला पुलिस कर्मियों की भी तैनाती की गई है।

मेला क्षेत्र में जीरो जोन और पार्किंग व्यवस्था

पुलिस प्रशासन ने स्नान के दौरान कुछ क्षेत्रों को जीरो जोन घोषित किया है, जहां वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा। इसमें मुख्य रूप से चण्डीचैक से वाल्मिकी चैक, शिवमूर्ति चैक से हरकी पौड़ी तक का क्षेत्र शामिल है। इसी प्रकार भीमगौड़ा बैरियर से हरकी पौड़ी तक का क्षेत्र भी जीरो जोन में रखा गया है ताकि स्नान करने आए श्रद्धालुओं को सुगमता से स्नान करने का अवसर मिले और भीड़ का दबाव नियंत्रित किया जा सके।

स्नान पर्व के दौरान पुलिस ने यातायात संचालन में बाधा बनने वाले वाहनों को हटाने के लिए पांच स्थानों पर रिकवरी वैन भी तैनात की है। साथ ही, यातायात का दबाव बढ़ने पर रूट में बदलाव किए जाने की योजना भी बनाई गई है ताकि ट्रैफिक जाम से बचा जा सके।

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पुलिस बल को आवश्यक दिशा-निर्देश

पुलिस प्रशासन ने स्नान पर्व की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु पुलिस बल को विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित बैठक में मेले में तैनात पुलिस बल को ब्रीफ किया। उन्होंने स्नान पर्व के दौरान शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी को निर्देशित किया और सुरक्षा एवं यातायात के सुगम संचालन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व के लिए यह व्यापक सुरक्षा और यातायात व्यवस्था प्रशासन की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य न केवल श्रद्धालुओं को सुविधाजनक और सुरक्षित स्नान का अवसर देना है, बल्कि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचाव करना भी है। 

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